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सच्चे मित्र और शुभचिंतक के रूप में किया जाएगा याद, जयशंकर ने कुछ इस तरह महारानी एलिजाबेथ के निधन पर शोक बुक पर हस्ताक्षर कर जताया दुख

सच्चे मित्र और शुभचिंतक के रूप में किया जाएगा याद, जयशंकर ने कुछ इस तरह महारानी एलिजाबेथ के निधन पर शोक बुक पर हस्ताक्षर कर जताया दुख


विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने समकालीन समय में यूनाइटेड किंगडम का मार्गदर्शन किया। जयशंकर ने ट्वीट किया, “महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर, उनके परिवार और यूनाइटेड किंगडम के लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने अपने देश को समकालीन समय में निर्देशित किया और उनकी गर्मजोशी और करुणा के लिए याद किया जाएगा।”

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इसके साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस के आवास पर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए शोक पुस्तक पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने स्वर्गीय महारानी को भारत की मित्र और शुभचिंतक के रूप में याद किया। एक ट्वीट में विदेश मंत्री ने कहा कि निरंतरता और परिवर्तन का प्रतीक हैं जिसने उनके राष्ट्र को वैश्विक विकास के अनुरूप समकालीन युग में प्रवेश कराया। विदेश मंत्री ने उनके साथ किये हुए मुलाकात के किस्सा साझा करते हुए कहा कि उन्हें भारत के एक सच्चे मित्र और शुभचिंतक के रूप में याद किया जाएगा।

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शाही परिवार ने एक बयान में कहा कि एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की आयु में बाल्मोरल महल में निधन हो गया। ब्रिटेन के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी को उनकी हालत बिगड़ने के बाद चिकित्सकीय देखरेख में रखा गया था। उनके सबसे बड़ा बेटे प्रिंस चार्ल्स IIIको आधिकारिक तौर पर नया सम्राट घोषित किया गया। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग में यूनियन जैक का झंडा आधा झुका हुआ था।

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