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Russia Ukraine war: जिनपिंग के मॉस्को दौरे से बदल सकता है जंग का स्वरूप, रूस और चीन की नजदीकियों से NATO हुआ परेशान

Russia Ukraine war: जिनपिंग के मॉस्को दौरे से बदल सकता है जंग का स्वरूप, रूस और चीन की नजदीकियों से NATO हुआ परेशान

.यूक्रेन से जंग के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग रूस का दौरा करने वाले हैं। शी जिनपिंग का ये साल का पहला दौरा होगा। अभी तक रूस-यूक्रेन वॉर में खुद को तटस्थ बताने वाले जिनपिंग मॉस्को का दौरा करने वाले हैं। रूसी विदेश मंत्रालय के अनुसार जिनपिंग का रूस दौरा जल्द ही संभव है। चीन की एंट्री रूस-यूक्रेन जंग को कई गुना और विध्वंसक बना सकती है। इससे पहले रूसी वैगनर फौज को चीनी ड्रोन देने की खबर भी सामने आ चुकी है। रूसी प्रतिनिधि ने कहा कि रूस और चीन तमाम मोर्चों पर एक साथ हैं। चीन रूस के समर्थन में खड़ा है और वैश्विक मंचों पर उसे बचा रहा है। हालांकि चीन की ओर से दौरे को लेकर औपचारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

24 फरवरी को रूस-यूक्रेन युद्ध को एक साल पूरा हो जाएगा। पिछले साल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के साथ शुरू हुआ युद्ध काफी हद तक तेज हो गया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साल के अंत में वीडियो कॉल के जरिए जिनपिंग को निमंत्रण दिया था। पिछले साल दिसंबर में हुई वीडियो कॉल में, राष्ट्र के दोनों प्रमुखों ने व्यापार और ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में मजबूत द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग की पुष्टि की।

वहीं चीन और रूस की बढ़ती दोस्ती से नाटो भी टेंशन में आ गया है। नाटो चीफ जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियां खतरे की घंटी है। स्टोलटेनबर्ग ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बीजिंग की बढ़ती दमनकारी नीतियां बेहद ही खतरनाक हैं। चीन और रूस इंटरनेशनल ऑर्डर के खिलाफ दादागिरी दिखा रहे हैं। नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि पश्चिमी सहयोगियों को मिलकर मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि चीनी निवेश और मॉर्डन मिलिट्री नाटो के लिए खतरे का संकेत है। नाटो को ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम लोग मित्र हैं।

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