बेसुध मरीज के लिए वार्ड ब्वाय तो दूर नहीं मिला स्ट्रेचर, रिक्शा लेकर इमरजेंसी तक पहुंचा चालक
बेसुध मरीज के लिए वार्ड ब्वाय तो दूर नहीं मिला स्ट्रेचर, रिक्शा लेकर इमरजेंसी तक पहुंचा चालक

हरिद्वार जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं हैं। आए दिन व्यवस्थाओं को लेकर लोग सवाल उठाते रहे हैं। शुक्रवार को एक बार फिर से अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही देखने को मिली। एक रिक्शा चालक एक बेसुध मरीज को अस्पताल परिसर तक लेकर पहुंचा था।
वहां से मरीज को इमरजेंसी तक ले जाने के लिए वार्ड ब्वाय तो दूर स्ट्रेचर और व्हील चेयर तक नहीं मिली। चालक बेसुध मरीज को रिक्शे से इमरजेंसी तक छोड़ आया। गैलरी में रिक्शा देखकर हर कोई आश्चर्य में पड़ गया। इससे अस्पताल की व्यवस्थाओं की कलई भी खुल गई।
जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला किसी से छुपा नहीं है। गंभीर बीमार या दुर्घटना में घायल मरीजों को तीमारदार ही गोद में लेकर अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचाते हैं।
अस्पताल में वार्ड ब्वाय हैं, लेकिन कभी मरीजों की मदद करते नजर नहीं आते। यहां तक कि गंभीर घायलों और बीमार लोगाें के लिए स्ट्रेचर व व्हील चेयर भी उपलब्ध नहीं कराई जाती। जिला अस्पताल में शुक्रवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
शुक्रवार दोपहर 12 बजे 50 वर्षीय बेसुध मरीज अस्पताल पहुंचा। रिक्शा चालक राहुल ने बताया कि मरीज को उसने ऋषिकुल के पास सड़क किनारे पेड़ के पास देखा था। वह व्यक्ति बीमार लग रहा था। राहुल ने बताया कि उसको अस्पताल में भर्ती करने के लिए रिक्शा में बिठाया।
उन्होंने बताया अस्पताल परिसर पहुंचने तक वह बेसुध हो गया। उन्होंने बताया कि वह मरीज को इमरजेंसी तक पहुंचाने के लिए वार्ड ब्वाय को ढूंढते रहे। वार्ड ब्वाय तो दूर स्ट्रेचर और व्हील चेयर तक नहीं मिली। इसके बाद वह खुद ही रिक्शा से उसे इमरजेंसी तक छोड़ आया। इमरजेंसी की गैलरी में रिक्शा देखकर वहां खड़े लोग हैरान रह गए। अस्पताल की व्यवस्थाएं कोसते नजर आए।
अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड तक रिक्शे से मरीज पहुंचने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अस्पताल में स्ट्रेचर मौजूद हैं। वार्ड ब्वाय भी रहते हैं। मरीज को स्ट्रेचर से क्यों नहीं ले गए इसकी जांच की जाएगी।