बाहर लोग चीखते रहे, ऊपर जाओ..ऊपर जाओ पर नहीं सुन पाए आवाज; लपटों में ने ले ली लीं पांच जिंदगियां
बाहर लोग चीखते रहे, ऊपर जाओ..ऊपर जाओ पर नहीं सुन पाए आवाज; लपटों में ने ले ली लीं पांच जिंदगियां

अयाज कुरैशी के मकान में आग लगने के दौरान पहली मंजिल पर मौजूद कुछ परिजन और रिश्तेदार जान बचाने के लिए ऊपरी मंजिल की ओर भागे तो अयाज कुरैशी की पत्नी शमा परवीन बेटे इबाद, बेटी नाफिया, मां कमर आरा और भांजी उमैमा जीने से नीचे जाने वाली सीढ़ियों की ओर। उन्हें नीचे की ओर आता देख बाहर से मौजूद दमकल और पुलिस कर्मी और भीड़ ऊपर जाओ..ऊपर जाओ कहती रही लेकिन शायद घबराहट में वह उनकी आवाज नहीं सुन पाए। आखिर आग की लपटों ने पांच को अपनी घेर लिया। लोगों के शोर में उनकी चीख भी नहीं सुनाई दी।
शाम सात बजे का वक्त था। घर में शादी का माहौल था। मकान की पहली और दूसरी मंजिल पर परिजन और रिश्तेदार मौजूद थे। अचानक गली से गुजरे लोगों ने अयाज कुरैशी के मकान के भूतल से आग की लपटें निकलती देखीं तो शोर मचाया। घर में मौजूद लोग अपनी जान बचाने को इधर उधर भागने लगे।
आठ लोग जीने से अपनी जान बचाने को मकान की छत पर पहुंच गए। जिन्हें सीढ़ी के जरिये बचा लिया गया। जबकि अयाज कुरैशी की पत्नी शमा परवीन बेटे इबाद, बेटी नाफिया, मां कमर आरा और भांजी उमैमा जीने से नीचे की ओर भागे और लपटों ने उन्हें घेर लिया।
आस पड़ोस के लोग और दमकल विभाग के कर्मचारी व पुलिस कर्मियों ने शोर मचाया कि वह मकान की छत पर पहुंचे लेकिन वह छत पर नहीं पहुंच पाई। करीब 40 मिनट तक दमकल कर्मियों ने पानी की बौछार मकान पर मारी। इसके बाद आग पर काबू पाया गया और आग में फंसे पांचों लोगों को निकालकर एंबुलेंस के जरिये जिला अस्पताल भिजवा गया, लेकिन तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं।
अयाज कुरैशी के मकान के भूतल पर स्क्रैप का गोदाम बना है। जिसमें टायर भी रखे थे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगना प्रतीत हो रही है। गोदाम में टायर रखे थे। जिस कारण आग की लपटें बढ़ीं चली गई।