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चंदावली स्कूल के मिड-डे-मील में मिली मरी छिपकली, भूखे रहे बच्चे, जांच समिति गठित

चंदावली स्कूल के मिड-डे-मील में मिली मरी छिपकली, भूखे रहे बच्चे, जांच समिति गठित

स्कूल में दोपहर के भोजन में मरी छिपकली मिलने के बाद बच्चों को खाना खाने से रोक दिया गया। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है जो मामले की जांच कर रही है।

चंदावली गांव स्थित सरकारी मिडिल स्कूल में मिड-डे-मील में बुधवार को दलिया में मरी हुई छिपकली मिली जिसके बाद बच्चों को खाना खाने से रोक दिया गया। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है जो मामले की जांच कर रही है।

शिक्षा विभाग की ओर से जिले के सभी सरकारी स्कूलों में पहली से कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थी को दोपहर का भोजन दिया जाता है। कोरोना के समय में कच्चा खाना दिया जाता था। वहीं, अब पका हुआ खाना दिया जा रहा है जिसमें हर रोज का मेन्यू अलग होता है। जिले में मिड डे मील का खाना इस्कॉन संस्था की ओर से दिया जाता है। इस्कॉन की गाड़ी प्रत्येक स्कूल में बच्चों की संख्या के अनुसार भोजन देने जाती है।

बुधवार की सुबह करीब 9:15 बजे इस्कॉन की गाड़ी मिड डे मिल स्कूल पर देकर आई थी। सुबह 11 बजे मिड डे मील बच्चों में वितरित करने से पहले खाने की जांच की गई। इस दौरान दलिया में मरी हुई छिपकली दिखाई दी। स्टाफ ने सूचना प्रिंसिपल बिमलेश वशिष्ठ को दी। उन्होंने खाने में मरी छिपकली होने की जानकारी अधिकारी को दी। चंदावली स्कूल में छठी से आठवीं कक्षा के करीब 80 बच्चों के लिए खाना आता है।

खंड शिक्षा अधिकारी सतीश चौधरी ने बताया कि मिड डे मील में मरी हुई छिपकली मिलने पर जिले में सभी जगह सप्लाई रुकवा दी गई। वहीं, तुरंत तीन सदस्यीय टीम बनाकर इस्कॉन संस्था की रसोई की जांच करने भेजी गई। मामले की जांच की जा रही है।

साल 2013 में पलवल के गांव लोहागढ़ के प्राइमरी स्कूल में मिड डे मील में छिपकली और कीड़े मिले थे। तब छात्रों और पैरेंट्स ने जमकर हंगामा किया था। वहीं साल साल 2011 में मोहना स्कूल में भी मिड-डे-मील में छिपकली मिली थी। इसके बाद विभाग ने जांच करने के बाद ही छात्रों को खाना बांटने के निर्देश जारी किए हुए हैं

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