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स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे रहा मुजफ्फरनगर

स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे रहा मुजफ्फरनगर

मुजफ्फरनगर। आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में विकास भवन के सभागार में स्वतंत्रता आंदोलन में मुजफ्फरनगर का योगदान विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने बताया कि किस तरह जिले के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए।

मुजफ्फरनगर। आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में विकास भवन के सभागार में स्वतंत्रता आंदोलन में मुजफ्फरनगर का योगदान विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने बताया कि किस तरह जिले के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए।

वरिष्ठ साहित्यकार प्रदीप जैन ने कहा कि मुजफ्फरनगर में 1857 से लेकर 1947 तक इस जिले में अंग्रेजों के खिलाफ निरंतर आंदोलन चलते रहे। 1857 की क्रांति में यहां कलेक्टर का बंगला फूंक दिया गया। कलेक्टर ने भागकर जान बचाई। दो अंग्रेज अधिकारी स्मिथ और बटरफिल्ड मारे गए। इस जिले में महात्मा गांधी का बड़ा प्रभाव रहा। लाल बहादुर शास्त्री यहां पर रहे। यह जिला क्रांतिकारियों की भूमि रहा है। सेमीनार में 1857 के स्वाधीनता संग्राम, बाल गंगाधर तिलक काल, महात्मा गांधी काल, सुभाषचंद्र बोस और आजाद हिंद फौज आदि पर चर्चा हुई। प्रोफेसर राधा मोहन तिवारी, कवि नेमपाल प्रजापति, जैन डिग्री की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ वर्चसा सैनी, संजीव जावला, ब्रजराज सिंह ने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कर्नल राजीव चौहान, शैलेंद्र कुमार त्यागी सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, बुद्धिजीवी मौजूद रहे। अध्यक्षता साहित्यकार प्रदीप जैन एवं संचालन प्रधानाचार्या डॉ कंचन प्रभा शुक्ला ने किया।

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