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मैं माफी मांगता रहा वो पीटते रहे: पारस हत्याकांड में सामने आई रिकॉर्डिंग, मन्नू भैया-हम मुसीबत में फंसे हैं…

मैं माफी मांगता रहा वो पीटते रहे: पारस हत्याकांड में सामने आई रिकॉर्डिंग, मन्नू भैया-हम मुसीबत में फंसे हैं...

कानपुर के सुपाड़ी कारोबारी पारस गुप्ता हत्याकांड में बड़ा तथ्य सामने आया है। परिजनों ने एक तहरीर बुधवार को पुलिस कमिश्नर को सौंपी। दावा किया कि हत्या से कुछ दिन पहले खुद पारस ने यह तहरीर लिखी थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि मसाला कारोबारी अमित ने महिला मित्र के जरिये हनीट्रैप में फंसाकर उनको (पारस) को बुलाया था। जहां उनके ऊपर कातिलाना हमला किया गया था। तहरीर हरबंश मोहाल थानाध्यक्ष के नाम लिखी है। उसके कुछ दिन बाद ही पारस की हत्या कर दी गई थी। सीपी ने जांच में इस तथ्य को शामिल करने का निर्देश एसआईटी को दिया है। तहरीर की लिखावट की हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी। परिजनों ने बताया कि तहरीर घर पर ही रखी मिली है, जिसमें लिखा है कि पारस ने अमित से बीस हजार रुपये लिए थे। इस दौरान अमित ने अपनी महिला मित्र मिष्ठी से मुझे जाल में फंसवाया।
महिला ने उनको नारामऊ में उस जगह बुलाया जहां पर अमित प्लाटिंग कर रहा है। यहां पर करीब 50 लोग मौजूद थे। जिन्होंने मुझको मारना शुरू कर दिया। अवैध हथियारों से खूब पीटा। किसी तरह से जान बचाकर वहां से मैं बचकर भागा था। पत्र के आखिर में पुलिस को संबोधित करते हुए लिखा है कि मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करें।
आखिर में पारस ने अपना नाम, पता व मोबाइल लिखा था। इस तहरीर को परिजनों ने सीपी को सौंपी। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि प्रकरण की जांच एसआईटी कर रही है। यह तहरीर भी उसी में शामिल करने का निर्देश दिया गया है। जिससे तथ्य स्पष्ट हो सकेंगे।
तहरीर में पारस ने लिखा था कि जब अमित व उसके साथियों ने धमकाना शुरू किया उन्होंने माफी मांगी। यह भी कहा कि वह पैसे वापस कर देगा लेकिन वह लोग नहीं माने और पीटते रहे। तहरीर पर तारीख नहीं लिखी है। इससे यह पता नहीं चल सका है कि घटना किस दिन की बताई जा रही है। हालांकि वारदात 18 मई की बताई जा रही है।
परिजनों ने एक कॉल रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंपी है। दावा है कि जब अमित ने पारस को पकड़ रखा था तब उन्होंने अपने एक रिश्तेदार मन्नू को फोन किया था। पारस ने फोन कर कहा था कि अमित ने उसको पकड़ रखा है। मुझे अमित के 20 हजार रुपये वापस करने हैं। किसी भी तरह से पैसा भिजवा दीजिए।
पारस गुप्ता 25 मई की रात लापता हुए थे। दो महीने बाद पारस के परिजन जब फोरेंसिक कार्यालय पहुंचे थे तब पता चला था कि 26 मई को रेलवे ट्रैक किनारे शव पड़ा मिला था। लावारिस में ही उसका पोस्टमार्टम करवाकर जीआरपी ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया था। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मसाला कारोबारी अमित व अन्य अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज कर एसआईटी ने जांच शुरू की है।

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