ब्रेकिंग न्यूज़

न्यायाधीश के हत्यारों को मृत्युपर्यन्त आजीवन कारावास की सजा

न्यायाधीश के हत्यारों को मृत्युपर्यन्त आजीवन कारावास की सजा

धनबाद, 7 अगस्त। झारखंड में धनबाद की एक विशेष अदालत ने अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की हत्या के दो दोषियों को शनिवार को मृत्युपर्यन्त आजीवन कारावास और तीस-तीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश रजनीकांत पाठक ने उत्तम आनंद की हत्या के लिए दोषी करार दिये गये आटो चालक लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा को मृत्युपर्यन्त सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

विशेष अदालत ने 28 जुलाई को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया था। विशेष न्यायाधीश ने दो अलग-अलग अपराधों के लिए दोनों दोषियों को अलग-अलग सजा सुनाई। अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषसिद्धि के लिए दोनों अभियुक्तों को मृत्युपर्यन्त उम्रकैद की सजा सुनाई तथा 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। सीबीआई अदालत ने आईपीसी की धारा 201 (अपराधी को बचाने के इरादे से साक्ष्य मिटाने) के तहत अपराध के लिए दोनों को सात-सात साल जेल की सजा और दस-दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

अदालत ने स्पष्ट किया कि दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। यद्यपि सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अमित जिंदल ने दोनों अपराधियों के लिए मौत की सजा की यह कहते हुए मांग की कि एक न्यायाधीश की इस तरह से बेरहमी से हत्या दुर्लभ से दुर्लभतम मामला माना जाना चाहिए, जबकि बचाव पक्ष के वकील कुमार विमलेन्दु ने कहा कि दोनों को कम से कम सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि यह हत्या का मामला था ही नहीं, अलबत्ता यह महज एक दुर्घटना थी और उस वक्त दोनों नशे की हालत में थे।

इस मामले में आज सजा सुनाये जाने के बाद मृतक उत्तम आनंद के जीजा विशाल आनंद ने कहा कि न्यायाधीश का परिवार फैसले के अध्ययन के बाद उच्च न्यायालय में अपील करने को लेकर फैसला करेगा। पिछले वर्ष 28 जुलाई को न्यायाधीश उत्तम आनंद की सनसनीखेज हत्या के बाद राज्य सरकार ने पहले मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था लेकिन बाद में झारखंड उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने के बाद इसकी जांच चार अगस्त, 2021 को सीबीआई को सौंप दी गई थी। मामले की जांच की निगरानी स्वयं झारखंड उच्च न्यायालय कर रहा था।

IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!