मुजफ्फरनगर

जिला परिषद मार्केट के मुख्यद्वार पर लगे होर्डिंग के खिलाफ एकजुट हुए दवा व्यापारी,1 सप्ताह में समाधान ना होने पर जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना एवं जिला पंचायत अध्यक्ष के घेराव करने की हुई घोषणा

जिला परिषद मार्केट के मुख्यद्वार पर लगे होर्डिंग के खिलाफ एकजुट हुए दवा व्यापारी,1 सप्ताह में समाधान ना होने पर जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना एवं जिला पंचायत अध्यक्ष के घेराव करने की हुई घोषणा

आज दिनांक 4 अगस्त 2022 को मुजफ्फरनगर कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जिला कार्यालय चंद्र सील डिस्ट्रीब्यूटर अग्रवाल मार्केट पर एक मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व से चले आ रहे जिला परिषद के गेट पर नियम विरुद्ध सरकारी इमारत पर लगाए गए होल्डिंग का विवाद लगभग 1 महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी जिला पंचायत अध्यक्ष डा०वीरपाल निरवाल कोई भी कार्रवाई करने को इच्छुक नहीं है मुजफ्फरनगर कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के पदाधिकारियों ने पत्र के माध्यम से विभिन्न व्यापारिक संगठनों के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और नेताओं के माध्यम से और जिला पंचायत सदस्यौ एवं जिला अधिकारी कार्यालय पर भी अपर जिलाधिकारी वित्त को भी ज्ञापन दिया गया, उसके बावजूद भी जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ० वीरपाल निरवाल नवनिर्मित दवा व्यापार एसोसिएशन का खुला पक्ष लेते हुए उन पर कोई भी कार्रवाई करने के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं, इसलिए मुजफ्फरनगर कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने एक सभा का आयोजन कर विचार मंथन किया और उसमें निर्णय लिया गया यदि 1 सप्ताह के अंदर डॉ० वीरपाल निरवाल जी जिला पंचायत अध्यक्ष ने जो नियम विरुद्ध सरकारी इमारत पर होल्डिंग जो लगे हुए हैं दवा व्यापार एसोसिएशन के यदि उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज नहीं कराई तो जिला अधिकारी कार्यालय पर धरना देने पर मुजफ्फरनगर कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी विवश होंगे, संगठन के संरक्षक डॉ० आर के गुप्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कभी भी परिवारवाद या पक्षपात की पक्षधर नहीं है परंतु मुजफ्फरनगर में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल निरवाल सही निर्णय नहीं ले पा रहे हैं, महामंत्री संजय गुप्ता जी ने कहा संगठन काफी समय से जिला पंचायत अध्यक्ष से मांग करता रहा है कि सरकारी इमारत पर किसी भी प्रकार के होल्डिंग ना लगाए जाए परंतु परिवारवाद में पढ़कर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर वीरपाल निरवाल भारतीय जनता पार्टी की छवि को भी धूमिल कर रहे हैं। इससे पूर्व में 2 वर्ष पहले जिला परिषद मार्केट के दोनों गेटों पर होल्डिंग को लेकर विवाद हुआ था उसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती आंचल तोमर और जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने जिला परिषद मार्केट सरकारी बिल्डिंग से हाई कोर्ट का हवाला देते हुए 3 दिन के अंदर होल्डिंग हटवाने का आदेश दिया था और तब से किसी भी संगठन के होर्डिंग नहीं लगे अतः यह जिलाधिकारी महोदय को जल्द से जल्द योगी सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए नियम विरुद्ध हुए कार्य करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध संवैधानिक तौर पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। आज की सभा में मुख्यता सुरेंद्र गर्ग पंकज तनेजा सुधीर त्यागी कुलदीप शर्मा मयंक बंसल सतीश तायल मुकेश सोम, दिव्य प्रताप सोलंकी मनीष गर्ग सुबोध जैन राजीव चौधरी पंकज वर्मा हरीश कुमार सचिन त्यागी सुधीर यादव विवेक मित्तल
[8/4, 17:27] Anuj Tyagi Ji: *खनन माफिया जुल्फुकार पर कार्रवाई को लेकर सीएम से लेकर एसडीएम तक लगाई गुहार, लेकिन कार्रवाई शून्य*

*खनन माफिया जुल्फुकार ने तहसील सदर के ग्राम बामनहेड़ी सरकारी चकरोड की मिट्टी करोड़ो की बेची, शिकायत होने के बाद राजस्व विभाग की मिलीभगत से सबूत मिटाये!*

*वाह! राजस्व विभाग जिन पर खनन मे संलिप्त होने का है आरोप, उन्हे ही जांच अधिकारी बनाया*

*खनन माफिया जुल्फुकार पर कई जनपदो के थानो मे दर्ज है दर्जनभर संगीन मुकदमे*

मुज़फ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के समस्त अधिकारियो को स्पष्ट निर्देश दे रखे है कि कोई भी अवैध खनन माफिया बचना नही चाहिए जिस पर ठोकर कानूनी कार्रवाई कर जेल का रास्ता दिखाए। मगर मुजफ्फरनगर मे इसके उलट नजारा देखने को मिल रहा है तहसील सदर क्षेत्र के ग्राम बामनहेड़ी के सरकारी चकरोड की 6 फुट गहरी मिट्टी करोडो रूपये की मिट्टी खनन माफिया जुल्फुकार पुत्र अख्तर निवासी ग्राम शेरपुर ने राजस्व विभाग के कर्मीयो से मिलीभगत करके बेच करके खुलेआम बेखौफ घूम रहा है।
कमाल की बात ये है कि जब इसकी शिकायत सबूत के साथ शासन स्तर व जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर से की गई तो इसकी जांच लेखपाल बामनहेड़ी को दी गई। जिसका परिणाम यह रहा कि जहा से बामनहेड़ी के सरकारी चकरोड की 6 फूट गहरी मिट्टी उठाई गई थी और बिजली के खम्बे पर लगे मिट्टी के टिल्ले को साफ कराकर रास्ते को बराबर करा दिया गया जिससे ये न लगे कि सरकारी चकरोड से मिट्टी उठाई गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि जांच अधिकारी गलत रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण कराके सरकार को करोडो रूपये का राजस्व का नुकसान करा देगा। शिकायतकर्ता ने एसडीएम सदर परमानंद झा से मिलकर इस अवैध खनन के सम्बन्ध मे शिकायत की मगर एसडीएम ने यह कहकर टरका दिया कि हम देखते है। अब बडा सवाल खड़ा होता है कि जब ऐसे खनन माफियाओ के गठजोड पर कोई कार्रवाई अफसरान नही करेगे तो फिर अवैध कारनामो की शिकायत कौन करेगा?
जनहित मे मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन व शासन से अनुरोध है कि ऐसे खनन माफियाओ पर अंकुश लगाना जरूरी है जिससे कानून का इकबाल बुलंद हो सके और सरकारी चकरोड की मिट्टी उठाने का दुस्साहस न कर सके।

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