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भारत ने राजपक्षे के श्रीलंका से निकलने में नहीं की मदद’, MEA ने कहा- हम श्रीलंकाई लोगों की आकांक्षाओं के साथ खड़े रहेंगे

भारत ने राजपक्षे के श्रीलंका से निकलने में नहीं की मदद', MEA ने कहा- हम श्रीलंकाई लोगों की आकांक्षाओं के साथ खड़े रहेंगे


नयी दिल्ली। श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट गहराया हुआ है। ऐसे में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सिंगापुर पहुंचे हैं। दरअसल, बीते दिनों खबर सामने आई कि गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका से मालदीव चले गए और फिर आज उन्हें सिंगापुर एयरपोर्ट पर देखा गया है। हालांकि सिंगापुर ने गोटबाया राजपक्षे की इस यात्रा को निजी बताया है।

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इसी बीच भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया। जिसमें भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीकों और संवैधानिक ढांचे के जरिए श्रीलंका के लोगों और उनकी आकांक्षाओं के साथ खड़े रहेंगे।

सिंगापुर में हैं गोटबाया राजपक्षे

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि आपने हमारे उच्चायोग की टिप्पणियां देखी होंगी। हमने स्पष्ट रूप से किसी भी भूमिका से इनकार किया है या उनके (गोटाबाया राजपक्षे) प्रस्थान या श्रीलंका से उनकी यात्रा की सुविधा प्रदान की है। मैं अनुमान लगाने की स्थिति में नहीं हूं कि वह कहां है। उन्होंने कहा कि मैंने अभी मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं कि वह सिंगापुर में हैं। हम लोकतांत्रिक तरीकों और संवैधानिक ढांचे के जरिए श्रीलंका के लोगों और उनकी आकांक्षाओं के साथ खड़े रहेंगे।

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उच्चायोग ने खबरों का किया खंडन

भारत ने हाल ही में मीडिया में आई उन खबरों को निराधार और कयास आधारित बताया था कि उसने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर मालदीव जाने में मदद की है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया था कि उच्चायोग मीडिया में आई उन खबरों को निराधार तथा महज अटकल के तौर पर खारिज करता है कि भारत ने गोटबाया राजपक्षे को श्रीलंका से बाहर जाने में मदद की। इसके साथ ही उच्चायोग ने कहा था कि यह दोहराया जाता है कि भारत लोकतांत्रिक माध्यमों और मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक रूपरेखा के जरिए समृद्धि एवं प्रगति की आकांक्षाओं को पूरा करने में श्रीलंका के लोगों का सहयोग करता रहेगा।

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