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G-20 Summit: ‘ये बाली नहीं, नई दिल्ली है’, इंडोनेशिया के जी20 घोषणापत्र से तुलना पर जयशंकर की दो टूक

G-20 Summit: 'ये बाली नहीं, नई दिल्ली है', इंडोनेशिया के जी20 घोषणापत्र से तुलना पर जयशंकर की दो टूक

G 20 Summit पिछले नवंबर में जी20 के बाली शिखर सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की गई थी जबकि इस बार के घोषणापत्र में रूस का जिक्र नहीं किया गया। रूसी आक्रमण का जिक्र करने से परहेज करने को कई विशेषज्ञ भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत बता रहे हैं। अब इसपर जयशंकर का बयान भी आया है।

G 20 Summit जयशंकर का जी20 घोषणापत्र पर दो टूक।

HIGHLIGHTS

बाली घोषणापत्र से इस बार के जी20 घोषणापत्र की तुलना पर जयशंकर ने एतराज जताया।
जयशंकर बोले- बाली घोषणापत्र उस समय की चीजों पर था आधारित।

G 20 Summit जी20 नेताओं के घोषणापत्र में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का जिक्र करने से परहेज किया गया, जिसको कई विशेषज्ञ भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत बता रहे हैं। घोषणापत्र में सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने के सिद्धांत का पालन करने का आह्वान भी किया गया।

इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस घोषणापत्र की तुलना पिछले साल बाली में हुए जी20 के घोषणापत्र से तुलना पर एतराज जताया है।

तीन देशों ने घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने में की मदद
भारत ने ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ वार्ताओं के बाद विवादास्पद मुद्दे पर जी20 देशों (G20 Summit) के बीच एक आम सहमति बनाई, जिसे बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि इन तीन देशों ने घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने में मदद की, जिसे हर सदस्य देश की मंजूरी मिली।

बाली बाली था और नई दिल्ली नई दिल्ली है
बता दें कि पिछले नवंबर में जी20 के बाली शिखर सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की गई थी, जबकि अधिकांश सदस्यों ने युद्ध की कड़ी निंदा की थी। इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर (Jaishankar on G 20 Summit) ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा,

बाली घोषणा के साथ तुलना के संबंध में, मैं केवल यही कहूंगा कि बाली बाली था और नई दिल्ली नई दिल्ली है। मेरा मतलब है, बाली में एक साल पहले कार्यक्रम हुआ था, तब स्थिति अलग थी। तब से कई चीजें बदली हैं। घोषणापत्र में कुल मिलाकर आठ पैराग्राफ हैं, जिनमें से सात वास्तव में यूक्रेन मुद्दे पर केंद्रित हैं।

जयशंकर ने आगे कहा, ”मुझे लगता है कि नई दिल्ली घोषणापत्र आज की स्थिति और चिंताओं का जवाब देती है, जैसे बाली घोषणापत्र ने उस स्थिति में किया था जो एक साल पहले थी।” विदेश मंत्री ने कहा कि नई दिल्ली जी20 घोषणा केवल “यूक्रेन में युद्ध” का उल्लेख करता है और दुनिया भर में भारी मानवीय पीड़ा और युद्धों और संघर्षों के प्रतिकूल प्रभाव पर गहरी चिंता का उल्लेख करता है।

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