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गौतम अडानी मना रहे हैं अपना 60वां जन्मदिन, कुल संपत्ति का 8 फीसदी करेंगे दान

गौतम अडानी मना रहे हैं अपना 60वां जन्मदिन, कुल संपत्ति का 8 फीसदी करेंगे दान


दुनिया में अरबपतियों की लिस्ट में भारतीयों ने जमकर रंग बिखेरा है। बीते एक साल में न केवल भारतीय अरबपतियों की संपत्ति में जबरदस्त इजाफा हुआ है बल्कि कुछ नए अरबपति भी इस लिस्ट में शामिल हुए हैं। गौतम अडानी ने अपने नेटवर्थ में 49 बिलियन डॉलर को जोड़ कर अपना कुल नेटवर्थ 122.2 अरब डॉलर कर लिया था। आज गौतम अडानी का 60वां जन्मदिन है। एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति, अदानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी और उनके परिवार ने उनके 60वें जन्मदिन के अवसर पर कई सामाजिक कार्यों के लिए 60,000 करोड़ रुपये दान करने का संकल्प लिया है। यह कोष अदानी फाउंडेशन द्वारा प्रशासित किया जाएगा।

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60,000 करोड़ रुपये का दान

अडानी ने गुरुवार को एक साक्षात्कार में ब्लूमबर्ग को बताया कि स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए दान का प्रबंधन अदानी फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास में एक फाउंडेशन के लिए किए गए सबसे बड़े स्थानांतरणों में से एक है। बयान में कहा गया, ‘‘गौतम अडानी के पिता शांतिलाल अडानी की जयंती और गौतम अडानी के 60वें जन्मदिन पर, अडाणी परिवार ने कई सामाजिक कार्यों के लिए 60,000 करोड़ रुपये का दान दिया है।’’ यह भारतीय कॉरपोरेट इतिहास के सबसे बड़े दान में से एक है और इसके साथ ही वह अजीम प्रेमजी, मार्क जुकरबर्ग और वॉरेन बफेट जैसे वैश्विक अरबपतियों की श्रेणी में शामिल हो गया है।

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शुरुआती जीवन

गौतम अडानी का जन्म अहमदाबाद के रतनपोल स्थित मध्यमवर्गीय जैन परिवार में 24 जून 1962 में हुआ। इनके पिता का नाम शांतिलाल अडानी है, जो एक कपड़ा व्यापारी थे। इनकी मां का नाम शांताबेन। ये सात भाई-बहन हैं। गौतम अडानी जिनकी पत्नी का नाम है प्रीति अडानी। वो पेशे से डेंटिस्ट है लेकिन इस समय पर अडानी फाउंडेशन के चेयरपर्सन का कार्यभार संभाल रही हैं। उनकी पत्नी के नेतृत्व में अडानी फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, ग्रामीण विकास जैसे काम देखे जा रहे हैं। वो कई संगठनों के साथ मिलकर भी काम कर रही हैं। वहीं गौतम अडानी के दोनों बेटे करण और जीत अडानी अभी अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।

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अडानी और मोदी की दोस्ती

अडानी और मोदी का रिश्ता दो दशक पुराना है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। जैसा कि 2002 के हिंदू-मुस्लिम दंगों के के बाद अन्य व्यापारिक नेताओं द्वारा मोदी से मुंह मोड़ा गया तो उस दौर में पहली पीढ़ी के गुजराती उद्यमी अडानी का उन्हें समर्थन मिला। अडानी ने कुछ साल पहले ही भारत के पश्चिमी तट पर बंदरगाह स्थापित किया था। अब वह भारत की बंदरगाह क्षमता का 24 प्रतिशत नियंत्रित करता है, और हवाई अड्डों पर भी ऐसा ही होने वाला है। शेयर बाजार इस बात की प्रशंसा करता है कि कैसे अडानी ने अर्थव्यवस्था के अन्य हिस्सों में परिवहन बुनियादी ढांचे पर अपनी पकड़ बढ़ा दी है। अडानी कोयला खनन, बिजली उत्पादन और वितरण, सिटी गैस, खाद्य तेल शोधन. फसलों से लेकर डेटा तक हर चीज का भंडारण और अब सीमेंट सभी सेक्टर में अपना दबदबा बना रहे हैं

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