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चीन के बदले सुर, बढ़ते संघर्ष के बीच विदेश मंत्री ने भारत संग राजनयिक और सैन्य चैनलों से बातचीत का किया जिक्र

चीन के बदले सुर, बढ़ते संघर्ष के बीच विदेश मंत्री ने भारत संग राजनयिक और सैन्य चैनलों से बातचीत का किया जिक्र


चीन और भारत ने सीमा पर तनाव को कम करने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखा है। विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध का प्रभावी तरीके से प्रबंधन और इसे नियंत्रित किया है। चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से बातचीत को बनाए रखा है, और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और विकसित करने के लिए साझा प्रतिबद्धता के तहत कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से प्रबंधित और नियंत्रित किया है। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद के बीच वांग का यह बयान आया है।
साझा प्रतिबद्धता के तहत जारी रखी वार्ता

वांग ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर संघर्ष की स्थिति से निपटने के प्रयासों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, ‘द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर करने के लिए साझा प्रतिबद्धता के तहत चीन और भारत ने राजनयिक व सैन्य चैनलों के माध्यम से वार्ता जारी रखी है और कुछ निश्चित सीमा इलाकों में संघर्ष को प्रभावी रूप से समझा है और नियंत्रित किया है।’
पैंगोंग झील के पास हिंसक झड़प के बाद तनाव

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध की वजह से दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया था। पैंगोंग झील इलाके में हिंसक झड़प के बाद पिछले साल पांच मई को भारत और चीन की सेनाओं के बीच सीमा गतिरोध शुरू हो गया था और दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों व भारी हथियारों के साथ अपनी तैनाती बढ़ा दी थी। सैन्य और कूटनीतिक वार्ता की एक श्रृंखला के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने अगस्त में गोगरा क्षेत्र में और फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा किया। दोनों पक्षों के बीच 31 जुलाई को 12वें दौर की बातचीत हुई थी। इसके कुछ दिनों बाद गोगरा से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया पूरी हुई थी।

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