Valentine Day: जानिए कब और कैसे हुई वैलेंटाइन डे की शुरूआत, मौते का दिन ऐसे बना प्यार करने वालों के लिए खास
Valentine Day: जानिए कब और कैसे हुई वैलेंटाइन डे की शुरूआत, मौते का दिन ऐसे बना प्यार करने वालों के लिए खास

वैदिक समय से ही फरवरी महीने में बसंत के मौसम को मोहब्बत का महीना कहा जाता है। वहीं युवा और नई पीढ़ी इस फरवरी महीने में वैलेंटाइन वीक सेलिब्रेट करती है। वैलेंटाइन वीक में हर दिन का अपना अलग-अलग महत्व होता है। इस दौरान लोग अपने चाहने वालों को तरह-तरह के गिफ्ट देते हैं। वहीं एक-दूसरे को खूब प्यार करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि वैलेंटाइन डे की शुरूआत कब और कैसे हुई। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको वैलेंटाइन मनाए जाने के पीछे की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं।
जानिए कौन थे संत वैलेंटाइन
आपको बता दें कि रोम में एक ‘संत वैलेंटाइन’ नामक पादरी थे। वह दुनिया में प्यार को बढ़ावा देने में यकीन करते थे। वह संत प्रेम को ही अपना जीवन मानते थे और लोगों को प्रेम किए जाने के लिए प्रेरित किया करते थे। लेकिन रोम के राजा क्लॉडियस को पादरी को इस कारण बिलकुल नापसंद करते थे। क्योंकि रोम शासक का मानना था कि प्रेम और विवाह से पुरुषों की न सिर्फ बुद्धि बल्कि शक्ति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इस कारण रोमन राजा के राज्य में रहने वाले अधिकारी व सैनिक विवाह नहीं करते थे।
विरोध के बाद लोगों ने की लव मैरिज
राजा ने भले की प्रेम करने का लाख विरोध किया। लेकिन संत वैलेंटाइन ने लोगों को प्यार और लव मैरिज करने के लिए प्रेरित किया। जिसका नतीजा यह निकला कि पादरी देखते ही देखते लव गुरु होने लगे। लोगों ने उनके द्वारा कही बात को जांचा और राज्य में रहने वाले अधिकारी और सैनिकों ने प्यार और लव मैरिज कर अपने जीवन को आगे बढ़ाया।
यह देख राजा राजा क्लॉडियस की खुद्दारी को चोट लगी और वह बेहद गुस्सा हुए। एक दिन उन्होंने पादरी संत वैलेंटाइन को फांसी की सजा दिए जाने का ऐलान कर दिया। लिहाजा सन् 269 ईसा में 14 फरवरी के दिन ही संत वैलेंटाइन को फांसी चढ़ा दी गई। इसके बाद हर साल संत वैलेंटाइन की फांसी वाले दिन यानी की 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाने लगा।
प्रेमिका को गिफ्ट की आंखें
मौत के दौरान पादरी व संत रहे वैलेंटाइन डे ने जेलर की बेटी जैकोबस को अपनी आंखें दान करते हुए एक लेटर में लिखा, ‘तुम्हारा वैलेंटाइन’।