सर्दी बढ़ी तो इस गांव ने बना डाला अपना सूरज, ढाई महीने नहीं दिखती थी धूप, अब जाती ही नहीं
सर्दी बढ़ी तो इस गांव ने बना डाला अपना सूरज, ढाई महीने नहीं दिखती थी धूप, अब जाती ही नहीं

सर्दी बढ़ी तो इस गांव ने बना डाला अपना सूरज, ढाई महीने नहीं दिखती थी धूप, अब जाती ही नहीं
भारत में इस समय कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. बीते कई दिन देश के कुछ हिस्सों में सूरज के दर्शन ही नहीं हुए. हजारों किमी आसमान पर कोहरे की घनी चादर छाई हुई थी. ऐसे हालात में ठंड से निजात पाने के लिए एक गांव ने अपना आर्टिफिशियल सूरज ही बना डाला.
धरती पर रहने वाले हर प्राणी के लिए सूरज बेहद जरूरी है. वहीं, अगर कड़ाके की ठंड पड़ रही हो तो हर व्यक्ति धूप में बैठना चाहता है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से देश के कुछ हिस्सों में हाड़कंपाने वाली ठंड तो पड़ ही रही है, साथ ही सूरज के दर्शन भी दुर्लभ हो गए हैं. इस दौरान उत्तर भारत में कोहरे और धुंध की घनी चादर छाई रही. लोग ठिठुरन से बवने के लिए या तो रजाई में छुपे रहे या हीटर, अंगीठी और ब्लोअर का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दिए. लेकिन, एक गांव ने इसका ऐसा उपाय निकाला, जिसके बारे में किसी भी आम आदमी के लिए सोचना भी मुयिकल है. इस गांव के लोगों ने अपना आर्टिफिशियल सूरज ही बना डाला. यहां हम चीन की बात नहीं कर रहे हैं.
दरअसल, इटली के इस गांव में सूरज तो उगता था, लेकिन लोकेशन कुछ ऐसी थी कि गांव के किसी भी हिस्से तक धूप नहीं पहुंचती थी. धूप ना पहुंचना इस गांव के लिए बड़ी समस्या बन गया था. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए गांव वालों ने धरती पर ही सूरज को उतार लिया. दरअसल, उन्होंने धूप की ऐसी व्यवस्था की है, जिसे देखकर हर कोई कहता है कि उन्होंने अपने लिए अलग से सूरज बना लिया है. ये विगनेला गांव स्विट्जरलैंड और इटली के बीच मौजूद है. यहां 11 नवंबर से 2 फरवरी के बीच सूरज की रोशनी बहुत धीमी हो जाती है.