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Infosys के फाउंडर Narayana Murthy ने बताया गरीबी हटाने का तरीका, कहा मैंने किया 85-90 घंटे काम

Infosys के फाउंडर Narayana Murthy ने बताया गरीबी हटाने का तरीका, कहा मैंने किया 85-90 घंटे काम

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति इन दिनों अपने बयान के कारण लगातार चर्चा में बने हुए है। नारायण मूर्ति ने हाल ही में बयान दिया था कि युवाओं को सफलता की ऊंचाईयां छूने के लिए कम से कम 70 घंटे तक काम करना होगा। अब उन्होंने अपने इस बयान का और युवाओं को दी गई सलाह का फिर से समर्थन किया है।

उन्होंने कहा था कि चीन को पछाड़ने के लिए जरुरी है कि सप्ताह में हर युवा को कम से कम 70 घंटे तक काम करना चाहिए। भारत के लिए जरुरी है कि वर्क प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जाए। नारायण मूर्ति के इस बयान के आने के बाद देश भर में लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दी थी। उन्होंने इस बयान का फिर से समर्थन किया है।

उन्होंने अक्टूबर में एक पॉडकास्ट में कहा था कि युवाओं को 70 घंटे काम करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि ये सफलता का बड़ा राज है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने भी एक मंत्र दिया था और मैंने उनकी बात मानते हुए सप्ताह में 85 से 90 घंटे काम किया है। ये सिलसिला वर्ष 1994 तक जारी रहा था। मैं सुबह 6:20 बजे ऑफिस में होता था और रात 8:30 बजे तक लगातार छह दिनों तक इसी तरह से काम करता था। यही कारण है कि आज के समय में मैं इस पोजिशन पर खड़ा हो सका हूं। इतने अधिक घंटे काम करना कोई बर्बादी नहीं है।

नारायण मूर्ति का कहना है कि दुनिया में जो भी देश समृद्ध हैं वो सभी कड़ी मेहनत के कारण ही इस स्थिति पर पहुंचे है। चीन इसमें शामिल है और वहां हर व्यक्ति कड़ी मेहनत से लगातार घंटों काम करता है। अगर भारत चीन और जापान जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के इच्छुक है तो उसे कड़ी मेहनत करनी ही होगी। भारत के लिए जरुरी है कि वो कार्य उत्पादकता को बढ़ाए। उन्होंने कहा कि मैंने भी अपनी कंपनी में घंटों तक काम किया था। उन्होंने कहा कि मेरे माता पिता ने एक बड़ी सीख दी थी कि गरीबी से बचने का एकमात्र तरीका मेहनत करना है। घंटे देखकर व्यक्ति जब काम नहीं करता तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

ओला के सीईओ ने भी किया समर्थन

बता दें कि ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने भी नारायण मूर्ति के इस बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ये वो समय नहीं है जब हम काम करने में अधिक समय बीताना है और मनोरंजन में समय नहीं बर्बाद करना है। उन्होंने कहा कि मैं नारायण मूर्ति के विचारों से पूरी तरह सहमत हूं। ये वो समय है जब हमें कुछ करना है और एक पीढ़ी में वो करके दिखाना है जो अन्य देशों को करने में कई पीढ़ियों का समय लग गया है।

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