*एंडोस्कोपिक सर्जरी से रीढ़ के इलाज में आ रही क्रांति – डा. अरुण भनोट*
*एंडोस्कोपिक सर्जरी से रीढ़ के इलाज में आ रही क्रांति - डा. अरुण भनोट*


व्यक्ति के शरीर की रीढ़ प्रकृति का एक बहुत की कॉम्प्लेक्स चमत्कार है, जो पूरे शरीर की संरचना को मैनेज करता है. लेकिन, दुर्भाग्य से यही रीढ़ बहुत लोगों के लिए दर्द और परेशानी का कारण बन जाती है. हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस और रीढ़ की अन्य बीमारियां बहुत दर्दनाक होती हैं और लाइफ को मुश्किल बना देती हैं. रोजमर्रा के काम करना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. हालांकि, पारंपरिक ओपन सर्जरी लंबे समय से रीढ़ की हड्डी की बीमारियों के इलाज में मानक रही है लेकिन एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी ने पूरा गेम बदल दिया है.
गुरुग्राम स्थित सीके बिरला अस्पताल के स्पाइन सर्जरी विभाग के डायरेक्टर डॉ अरुण भनोट ने बताया की एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एक मिनिमली इनवेसिव तकनीक है जिसके जरिए बहुत ही सटीकता से रीढ़ के ऑपरेशन किए जाते हैं. इस तकनीक से की जाने वाली सर्जरी में टिशू का नुकसान भी कम से कम होता है. इस सर्जरी से कई तरह के फायदे होते हैं.
-तेजी से होती है रिकवरी: एंडोस्कोपिक सर्जरी में छोटे कट लगाए जाते हैं जिससे टिशू डैमेज कम होता है. इसका फायदा ये होता है कि मरीज की रिकवरी तेजी से होती है. पारंपरिक सर्जरी की तुलना में एंडोस्कोपिक सर्जरी के बाद मरीज जल्द ही अपनी सामान्य गतिविधियों में लौट जाता है.
-कम दर्द: मिनिमली इनवेसिव तकनीक से ऑपरेशन में आसपास के टिशू को नुकसान कम पहुंचता है. सर्जरी के बाद दर्द कम होता है. इसका फायदा ये होता है कि लंबे समय पर दर्द की दवाइयां नहीं खानी पड़ती हैं.
-कम से कम निशान: छोटे कट लगाने से फायदा ये होता है कि स्किन पर निशान बहुत कम आते हैं. इससे शरीर की खूबसूरती भी मेंटेन रहती है.
-इंफेक्शन का कम रिस्क: कम जख्म होने के चलते इंफेक्शन का रिस्क कम रहता है, जिससे शरीर सुरक्षित रहता है.
इमेजिंग की भूमिका
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एडवांस इमेजिंग तकनीकों, जैसे एमआरआई, सीटी स्कैन और इंट्राऑपरेटिव फ्लोरोस्कोपी पर बहुत अधिक निर्भर करती है. इन तकनीक से सर्जिकल क्षेत्र की रियल टाइन, हाई रिज़ॉल्यूशन इमेज मिलती है जिससे सर्जन का पिन पॉइंट सटीकता के साथ नेविगेट करने में मदद मिलती है. नसों और रक्त वाहिकाओं को अच्छे से देखकर ट्रीट किया जाता है जो मरीज के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है.
विभिन्न स्थितियों का इलाज
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी से हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस, स्पाइनल इंफेक्शन जैसी रीढ़ की हड्डी की समस्याओं का इलाज किया जाता है.
अस्पताल में कम स्टे
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के मामले में अस्पताल में कम वक्त रहना पड़ता है. यहां पेशंट केंद्रित अप्रोच से इलाज किया जाता है. कई मिनिमली इनवेसिव सर्जरी डे-केयर में की जा सकती है या एक दिन के अस्पताल स्टे में ही की जा सकती है. इस तरह मरीज उसी दिन घर लौट जाता है. इससे स्वास्थ्य सुविधाओं पर तो प्रेशर कम होता ही है, साथ ही मरीज का भी अच्छा अनुभव रहता है.
रीढ़ की सर्जरी का पहला उद्देश्य मरीज के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है, और एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी इसमें काफी महत्वपूर्ण होती है. स्पाइन सर्जरी में मरीज की तेज रिकवरी होती है, दर्द कम होता है, निशान कम से कम होते हैं, मरीज का अनुभव अच्छा रहता है और वो जल्दी ही अपने डेली रुटीन में लौट जाते हैं.
जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ती जा रही है, स्पाइन सर्जरी में क्रांति आ रही है. यह तकनीक मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है और उनका भविष्य उज्जवल हो रहा है.

