राष्ट्रीय

*कथावाचक पंडित सुभाष चंद्र शास्त्री द्वारा चंद्र ग्रहण से संबंधित बताई गई आवश्यक जानकारियां*

*कथावाचक पंडित सुभाष चंद्र शास्त्री द्वारा चंद्र ग्रहण से संबंधित बताई गई आवश्यक जानकारियां*

प्रिय यजमान/बन्धुवर सादर नमस्कार🙏
जैसा कि आपको ज्ञात होगा 28-10-2023 को खगास चन्द्र ग्रहण है आपके लिए ग्रहण विवरण की सही जानकारी सादर प्रेषित है!

यह खगास चन्द्र ग्रहण अश्विन शुक्ल पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023 को भारत के सभी भागों में समान रूप से दिखाई देगा!

यह ग्रहण मेष राशि अश्वनी नक्षत्र में घटित होगा!

भारतीय समय अनुसार यह चन्द्र ग्रहण रात्रि लगभग 01:14 AM से 02:28 AM के मध्य दिखाई देगा!

इस ग्रहण का सूतक सांय 04:14 से प्रारंभ होगा!

सूतक काल मे बच्चों, वृद्ध तथा अस्वस्थ जनों को छोड़कर शेष को भोजन शायनादि से परहेज करना चाहिए!

शास्त्रों में सूतक काल अथवा ग्रहण काल में मन्त्र जप, पाठ, होम (यज्ञ) ईष्ट साधना सहित दानादि करना अनंत पुण्यदायी व फलदाई बताया गया है!

ग्रहण काल को जीवन मे सिद्धि प्राप्त करने का उत्तम अवसर बताया गया है!

सौरमास कार्तिक होने से यह ग्रहण शुभता युक्त होगा!

शनिवार में यह ग्रहण होने से व्यापारियों को लाभ रहेगा!

मेष राशि मे होने से दक्षिण पश्चिम राज्यों में क्लेश, लोगों में भय अपराध वृद्धि के योग भी बनते हैं!

बारह राशियों पर इस ग्रहण का संभावित प्रभाव👇

मेष- शरीर कष्ट, दुर्घटना, तनाव, क्रोध, चिंता, संयमहीनता!

वृषभ- कार्यों में बाधा, परिश्रम का निष्फल होना, खर्चो में वृद्धि, व्यर्थ की दौड़ भाग, कार्य सिद्धि में रुकावट!

मिथुन- विभिन्न लाभ, धन प्राप्ति, रुके कार्य मे सफलता, उत्साह से कार्य सिद्धि, सम्पत्ति लाभ, प्रसन्नता, सुख की प्राप्ति!

कर्क- कार्य क्षेत्र में सफलता, कुशल प्रबंधन, परिवर्तन, यश प्राप्ति, सरकारी योजनाओं का लाभ,विवादों में सफलता!

सिंह- मानहानि आशांति,अवसरों की हानि, विरोध निराशा, आक्रामकता, धार्मिक कार्यो में अरुचि!

कन्या- शरीर कष्ट, दुर्घटना, भय, धनहानि,संबंधो का बिगड़ना, गलत दिशा में परिश्रम होना !

तुला- जीवन साथी को कष्ट, अस्वस्थता, कामकाज में अरुचि, दैनिक जीवन मे तनाव, रोग व्याधि, कार्य सिद्धि न होना!

वृश्चिक- शत्रु हानि, रोग शमन, शांति, विवादों में सफलता, कार्यसिद्धि, शत्रु दमन, धनलाभ, परिश्रम का सार्थक होना!

धनु- चिंता, सन्तान को कष्ट, सही मार्गदर्शन न मिलना, गलत सलाह से कार्य मे हानि, विरोध,मतभेद, अपयश, आलोचना!

मकर-वाहन भय, शरीर कष्ट, सामाजिक विरोध, मतभेद, माता को कष्ट, संपत्ति विवाद, मुकदमा आदि!

कुम्भ- कार्य सिद्धि, सफलता, यश, प्रतिष्ठा, अच्छे अवसर, धन लाभ, मित्रो का सहयोग!

मीन-पारिवारिक तनाव, कुटुम्बीजनों से विरोध,धन प्राप्ति में बाधा, जमा पूंजी की हानि, पारिवारिक कलह प्रियजनों से वियोग!

ग्रहण काल में किया गया सत्कर्म कार्य जीवन मे दीर्घकालिक फलदाई व पुण्यदायक होता है अतः अपनी राशि सहित नवग्रहों की शांति, शुभफल की प्राप्ति हेतु तथा अपने तथा अपने परिवारजनों के आनंद मङ्गल हेतु उक्त सत्कर्म कार्य अवश्य करें!!

👇ग्रहण काल मे कुछ जरूरी बातें👇
घर में पका हुआ भोजन, कटी हुई सब्जी और फल ग्रहण काल मे दूषित माने गए है, उन्हें खाने से परहेज करना चाहिए अथवा नहीं खाना चाहिए!

तेल,घी, दूध, दही, माखन,पनीर, अचार, मुरब्बा आदि वस्तुओं में कुशा रख देने से यह दूषित नहीं होते!

ग्रहण मोक्ष के बाद स्नान आदि कर ही भोजनादि ग्रहण करना चाहिए!

👇शास्त्रों में ग्रहण माहात्मय👇

ग्रहण के समय गंगा आदि पवित्र नदियों, सरावरों, स्रोतों तथा सागर में स्नान का विशेष माहात्मय है!

मत्स्यपुराण में कहा गया है कि सूर्यग्रहण के समय गंगा, कनखल, प्रयाग, पुष्कर और कुरुक्षेत्र आदि तीर्थो में स्नान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है-

गंगा कनखलं पुण्यं प्रयागः पुष्करं तथा ।
कुरुक्षेत्रं व्यर्थ तथा पुण्यं राहुग्रस्ते दिवाकरे।

इन तीर्थो पर ग्रहण के समय स्नान के साथ दान, जप, होमादि भी करना चाहिये –
“सूर्येन्दु ग्रहणं यावत्तावत् कुर्याज्जपादिकम्”

पर्वकाल समाप्त (ग्रहण मोक्ष) होने पर सचैल स्नान (शरीर मे वस्त्रों सहित) का विधान बताया गया है-

👉 ‘स्नानं सवसनं ग्रहे’

ग्रस्यमाने भवेत्स्नानं ग्रस्ते होमो विधीयते।
मुच्यमाने भवेद्दानं मुक्तौ स्नानं विधीयते ॥

ग्रहण के समय एवं ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध है-
मृते जन्मनि संक्रान्तौ ग्रहणे चन्द्रसूर्ययोः।
अस्पृश्यस्पर्शने चैव ना, स्नायादुष्णवारिणा ।
यह निषेध बाल, वृद्ध रोगियों व अस्वस्थ जनों के लिये नहीं है।

🚩।।वैदिक सत्य सनातन धर्म की जय।।🚩
🙏सादर नमस्कार धन्यवाद मङ्गलकामनाऐं🙏
🙏पं. श्री सुभाष चन्द्र शास्त्री🙏
🚩बूढाकेदार उत्तराखंड धाम🚩
9410012535, 9068881008
subhashshastri017@gmail.com
💐🙏【श्रीहरि:】🙏💐

IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!