Uttarakhand में Army, BRO और ITBP के जवानों से मिले PM Modi, कहा- आपका समर्पण पूरे देश के लिए प्रेरणा
Uttarakhand में Army, BRO और ITBP के जवानों से मिले PM Modi, कहा- आपका समर्पण पूरे देश के लिए प्रेरणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान पार्वती कुंड और गुंजी में भारतीय सेना, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के साथ बातचीत की। पीएम मोदी ने ‘एक्स’ (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर लिखा, “चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनकी अटूट सेवा वास्तव में सराहनीय है। उनकी भावना और समर्पण पूरे देश को प्रेरित करता है।” इससे पहले दिन में, प्रधान मंत्री ने राज्य में लगभग 4,200 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। अधिकारियों के अनुसार, परियोजनाओं से पहाड़ी राज्य में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल, खेल, पर्यटन, आपदा शमन और बागवानी क्षेत्रों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
उत्तराखंड दौरे को लेकर मोदी ने कहा कि यहां मानसखंड में बागेश्वर, बैजनाथ, नंदा देवी, गोलू देवता, पूर्णागिरी, कसार देवी, कैंची धाम, कटारमल, नैनादेवी, नानकमत्ता, रीठासाहिब जैसे अनेकों देव स्थलों की श्रृखंला का वैभव विद्यमान हैं। राष्ट्र रक्षा और आस्था की इस तीर्थभूमि पर आकर मैं धन्य हो जाता हूं। उन्होंने कहा कि यहां आने से पहले मुझे पार्वती कुंड और जोगेश्वर धाम में पूजा अर्चना करने का सौभाग्य मिला। मैंने हर देशवासी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करने के लिए और उत्तराखंड के सारे सपने व संकल्प पूरे हो, इसलिए आशीर्वाद मांगा है। मोदी ने कहा कि हमें केदारखंड के साथ साथ मानसखंड को भी उस ऊंचाई तक ले जाना है। हम केदारखंड और मानसखंड की कनेक्टिविटी पर भी जोर दे रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो लोग केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम जाते हैं, वे लोग जोगेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत भी आसानी से आ सकें, ये प्रयास किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि दूर-सुदूर पहाड़ों पर देश के कोने-कोने में जो लोग रहते हैं, हमने उनकी भी चिंता की। इसलिए, सिर्फ 5 वर्षों में ही देश में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये 13.5 करोड़ लोग, इस बात का उदाहरण हैं कि भारत अपनी गरीबी मिटा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के हर गांव में देश के रक्षक हैं। वन रैंक-वन पेंशन की उनकी दशकों पुरानी मांग को हमारी ही सरकार ने पूरा किया है।