NTPC ने Leh में शुरू किया हाइड्रोजन बस का ट्रायल रन शुरू, सड़कों पर दौड़ेंगी बसें जो पर्यावरण को नहीं पहुचाएंगी नुकसान
NTPC ने Leh में शुरू किया हाइड्रोजन बस का ट्रायल रन शुरू, सड़कों पर दौड़ेंगी बसें जो पर्यावरण को नहीं पहुचाएंगी नुकसान

पेट्रोल, डीजल, सीएनजी के बाद अब बसें हाइड्रोजन से चला करेंगी। इस दिशा में एनटीपीसी ने कदम आगे बढ़ाए है। लेह में एनटीपीसी ने हाइड्रोजन बस का परीक्षण शुरु किया है। इन बसों को शुरू करने का मकसद है कि कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके। इस योजना की शुरुआत लद्दाख के उचाई वाले ठंडे रेगिस्तान में हो रही है, जिससे सड़कों पर भविष्य की इस तकनीक का परीक्षण किया जाएगा।
इन बसों को लेह में शुरू करने से पहले एनटीपीसी ने बयान जारी किया है। इस बयान के अनुसार कंपनी ने कहा कि लद्दाख में कार्बन उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य स्तर पर लाने के लक्ष्य की दिशा में एनटीपीसी हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन, सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के साथ लेह शहर के भीतर परिचालन के लिए पांच ‘फ्यूल सेल’ बसें उपलब्ध करा रही है। ये कदम कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मददगार होंगे। इन बसों के जरिए शहर भर में इंटर सिटी सेवा उपलब्ध होगी।
कंपनी ने बताया कि पहली हाइड्रोजन बस तीन महीनों के परीक्षण और अन्य वैधानिक प्रक्रियाओं के लिए 17 अगस्त को लेह पहुंचीं। भारत में सार्वजनिक रूप से ये पहला मौका है जब सड़कों पर हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली बसें दौड़ेंगी। कंपनी का दावा है कि भारत में सार्वजनिक स्तर पर पहली बार हाइड्रोजन बसों का परिचालन शुरू हुआ है।
समुद्र तल से 11,562 फुट की ऊंचाई पर अपने तरह की पहली हरित हाइड्रोजन परिवहन परियोजना के साथ नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए अलग से 1.7 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी स्थापित किया गया है। इसके अलावा कैप्टिव सौर संयंत्र भी बनाया गया है। ‘फ्यूल सेल’ बसों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये जीरो से नीचे तापमान में भी आसानी से चल सके। यह इस परियोजना की एक अनूठी विशेषता है। साथ ही ऊंचाई वाले स्थानों पर भी ये बस चल सके। इस योजना के लिए लेह प्रशासन ने बुनियादी ढांचे के लिए शहर में 7.5 एकड़ जमीन पट्टे पर भी दी है।
बता दें कि वर्ष 2020 में अशोक लीलैंड कंपनी ने बताया था कि इन बसों की कीमत 2.5 करोड़ रुपये है जो कि वैश्विक रुचि की अभिव्यक्ति को ध्यान में रखकर की जा रही है। संभावना है कि हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली बसों में यात्रियों के लिए किराया वर्तमान में चलने वाली आम डीजल बसों के अनुरुप होगा।