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मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड ने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, तालिबान को लेकर नहीं दिया कोई बयान; मीडिया पर साधा निशाना

मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड ने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, तालिबान को लेकर नहीं दिया कोई बयान; मीडिया पर साधा निशाना

मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड ने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, तालिबान को लेकर नहीं दिया कोई बयान; मीडिया पर साधा निशाना

तालिबान और अफगानिस्तान की हालिया राजनीतिक स्थिति को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर साफ कहा है कि, बोर्ड की तरफ से तालिबान को लेकर न तो कोई विचार व्यक्त किया है और न ही कोई बयान दिया है।

इसी के साथ बोर्ड ने मीडिया चैनल को लेकर कहा कि, कुछ मीडिया चैनलों द्वारा बोर्ड के कुछ सदस्यों की राय को बोर्ड के रुख के रूप में चित्रित किया गया है और गलत बात को बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ये पत्रकारिता की भावना के खिलाफ हैं। बोर्ड ने मीडिया चैनलों पर निशाना साधते हुए कहा कि, इस तरह के कृत्यों से खुद को दूर रखना चाहिए और तालिबान के बारे में किसी भी खबर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि, मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड ने तालिबान के समर्थन में टिप्पणी की थी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने कहा कि तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा करने पर बधाई दी है और कहा है कि एक निहत्थी कौम ने दुनिया की मजबूत फौजों को शिकस्त दे दी है। इस दौरान उन्होंने 15 अगस्त की तारीख पर जोर देते हुए कहा कि अफगानिस्तान की जमीं पर यह तारीख रकम हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा कि काबुल के महल में वह लोग दाखिल हो गए हैं। उनके दाखिले का अंदाज पूरी दुनिया ने देखा है। गौरतलब है कि काबुल में तालिबान की एंट्री के साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान छोड़ दिया। हालांकि वो किस मुल्क में हैं इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि अशरफ गनी ने ओमान में शरण ली है।

 

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