Pak सेना पर निशाना साधने वाले नवाज अब क्यों बने फेवरेट, चुनाव बाद इमरान खान का क्या होगा?
Pak सेना पर निशाना साधने वाले नवाज अब क्यों बने फेवरेट, चुनाव बाद इमरान खान का क्या होगा?

Pak सेना पर निशाना साधने वाले नवाज अब क्यों बने फेवरेट, चुनाव बाद इमरान खान का क्या होगा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बड़ी घोषणा की है कि उनके बड़े भाई और पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ जल्द ही देश लौटेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सत्तारूढ़ गठबंधन सत्ता में लौटता है तो नवाज प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। बता दें कि नवाज शरीफ पाकिस्तान के तीन बार के प्रधानमंत्री हैं। वर्तमान में वो लंदन में रह रहे हैं। 2017 में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अयोग्य करार दिया था। 2018 में पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वो जीवन भर सार्वजकि पद संभालने के लिए अयोग्य हो गए। 2019 में वो चिकित्सा आधार पर लाहौर उच्च न्यायालय से चार सप्ताह की जमानत पर लंदन रवाना हो गए। नवाज शरीफ अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल की जेल की सजा हुई थी। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वो वापस पाकिस्तान दोबारा नहीं लौटे। लेकिन अब पूरी तैयारी कर ली गई है। नवाज शरीफ अपने ग्रैंड कम बैक के लिए तैयार हैं। उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ ने संकेत दिए है कि कुछ ही हफ्तों में नवाज की वतन वापसी हो सकती है। लेकिन ये केवल संयोग नहीं है। इसकी टाइमिंग पर गौर करें तो नेशनल असेंबली 12 अगस्त से पहले भंग कर दी जाएगी। इसके बाद पाकिस्तान में चुनावी माहौल का आगाज हो जाएगा। इन सब के बीच ही नवाज शरीफ पाकिस्तान लौट रहे हैं। ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि नवाज को क्यों लौटने दे रही है सेना? क्या सेना और शरीफ़ों के बीच कोई गुप्त समझौता हो गया है?
पाकिस्तान की संसद में लाया गया कानून
सत्ताधारी गठबंधन को शायद जीत की गारंटी दी गई है, वरना नवाज़ शरीफ़ कभी वापस नहीं आते। उनके लिए जोखिम बहुत अधिक है। पाकिस्तान सरकार उनके लिए जमीन तैयार कर रही है। पिछले ही महीने पाकिस्तान की सरकार की तरफ से एक नया कानून लाया गया। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने कानून पारित किया है कि सांसदों को कितने समय तक पद से अयोग्य ठहराया जा सकता है। संशोधन में कहा गया कि अदालतें केवल पांच साल की अवधि के लिए सांसदों को अयोग्य घोषित कर सकती हैं। नवाज शरीफ को 2017 में अयोग्य घोषित किया गया था। इसमें पांच साल जोड़ने पर ये 2023 यानी वर्तमान वर्ष तक की अवधि तक ही जाता है। या तो शरीफ बहुत ही भाग्यशाली है या फिर सब सुनियोजित ढंग से किया गया। पाकिस्तान में ऐसा ही कुछ होता रहा है, वहां की सेना आपके भाग्य का फैसला करती है।
इमरान खान का क्या होगा?
सरकार 12 अगस्त को आधिकारिक तौर पर पद छोड़ देगी। नवंबर में आम चुनाव होंगे। वर्तमान माहौल पर गौर करें तो सत्तारूढ़ गठबंधन के दोबारा पावर में लौटने की प्रबल संभावना है। बस किसे कितनी सीटें मिलेंगी इसका जवाब उसी वक्त पता चलेगा। पाकिस्तान की सत्तारूढ़ गठबंधन में दो बड़े दलों में बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी और शरीफ परिवार की पीएमएनएल नमाज शामिल हैं। लेकिन ये चुनाव सेना के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ महीने पाकिस्तान के लिए मुश्किल भरे रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और फिर उनके समर्थकों का सेना हेडक्वाटर्र पर हमले ने सेना की बहुत किरकिरी करवाई है। ऐसे में पाकिस्तानी सेना के पास दो विकल्प है। या तो पीटीआई को बैन करके इमरान खान को जेल में डाल दे, नहीं तो फिर इमरान को उनके ही खेल में मात दी जाए। सेना ने दूसरा विकल्प चुना है। इमरान खान और उनकी पार्टी को बैन नहीं किया जाएगा। उन्हें चुनाव लड़ने की छूट दी जाएगी। फिर जब इमरान खान की चुनाव में हार होती है तो सेना का अगला कदम सभी को पता है।
सेना पर निशाना साधने वाले नवाज अब क्यों बने फेवरेट?
सभी तैयारियां कर ली गई हैं। पीटीआई को तोड़ दिया गया है। फवाद चौधरी समेत बड़े नेता इमरान का साथ छोड़ चुके हैं। इतना ही नहीं इमरान समर्थकों को सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि नवाज शरीफ का निर्णय थोड़ा सा आश्चर्यजनक है। सेना के साथ उनके संबंध हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं। 2020 में लंदन से वर्चुल रूप से अपने संबोधन में उन्होंने सैन्य शासकों पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। फिर आखिर इन 2-3 सालों में क्या बदल गया? जवाब दो शब्दों में है- इमरान खान।
पाकिस्तान की जनता का क्या?
पाकिस्तान में राजनेता उस पैकेट की तरह हैं जो आपके मोबाइल फोन के साथ आता है। पैकेट से किसी को कोई मतलब नहीं लेकिन आप प्रोडक्ट को पैकेट के बिना बेच नहीं सकते। पाकिस्तान में ये पैकेट वक्त के साथ बदलते रहते हैं। साल 2018 में सेना शरीफ को सत्ता से बाहर करना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने इमरान खान को सत्ता संभालने के लिए जमीन तैयार की। अब पाक सेना का एक ही मकसद है कि कैसे भी करके इमरान खान को सत्ता से बाहर रखा जाए। इसलिए वो शरीफ का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये एक तय एकाधिकार वाले खेल की तरह है। जहां सेना ही जीत होगी, वहीं पाकिस्तान की जनता ही हमेशा हार ही होगी।