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मॉस्को से 50 किमी की दूरी पर थे लड़ाके, तभी पुतिन और वैगनर के बीच ‘वो’ आ गया, बगावत कंट्रोल की इनसाइड स्टोरी

मॉस्को से 50 किमी की दूरी पर थे लड़ाके, तभी पुतिन और वैगनर के बीच 'वो' आ गया, बगावत कंट्रोल की इनसाइड स्टोरी

पुतिन के खिलाफ प्रेगझिन की बगावत महज 18 घंटे भी नहीं टिक सकी और वैगनर चीफ को ऑपरेशन मॉस्को रोकने का ऐलान करना पड़ा। जिन इलाकों पर वैगनर लड़ाकों ने कब्जा किया था वहां से वो वापस लौट रहे हैं। पुतिन और प्रोगझिन की डील के बाद वो बेलारूस में रहेंगे। रूस में उभरे गृह युद्ध और तख्तापलट का खतरा टल गया। राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ बगावत करने वाली प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। येवगेनी के लड़ाके अब यूक्रेन में अपने फील्ड कैंप की तरफ वापस लौट रहे हैं। वहीं येवगेनी प्रिगोझिन से कहा गया है कि वो रूस छोड़ दें और उनके लिए बेलारूस की तरफ के रास्ते खोल दिए गए हैं। उनके खिलाफ हर क्रिमनिल चार्ज हटा लिए गए हैं।

पुतिन का वो दोस्त जिसने की मदद

जब वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी ने अपने लड़ाके मॉस्को भेजने का प्लान बनाया तभी रूस ने बेलारूस के राष्ट्रपति से बातचीत की। बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाको पुतिन के दोस्त हैं। पूतिन के समर्थन से ही उन्होंने येवगेनी को डील के लिए मनाया। लुकाशेंको को अक्सर यूरोप का आखिरी तानाशाह कहा जाता है। वह बेलारूस के एक विवादित राष्ट्रपति हैं। जुलाई 1994 में सत्ता संभालने के बाद से ही वह इस पर कायम हैं। लुकाशेंको पुतिन के वफादार हैं। यूक्रेन युद्ध पर भी बेलारूस ने रूस का बचाव किया। पुतिन ने डील करके अपने परमाणु हथियार बेलारूस में तैनात करने का प्लान बनाया है। आधी रात को लुकाशेंको ने ही डील का ऐलान किया गया। लुकाशेंको ने बताया कि येवगेनी अपने लड़ाकों के कूच को रोकने और हालात को और बिगड़ने से रोकने पर सहमत हो गए हैं। डील यह हुई कि येवगेनी प्रिगोज़िन बेलारूस जाएंगे। बेलारूस, रूस का सहयोगी देश है। खून खराबा रोकने के लिए येवगेनी और उनके लड़ाकों के खिलाफ आरोप हटा दिए जाएंगे। बातचीत पूरी होने के बाद लुकाशेंको ने सारी जानकारी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी। रूसी मीडिया के मुताबिक, इस समझौता वार्ता पर पुतिन भी सहमत हो गए ।

रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को उनके मंत्रालय द्वारा जारी एक वीडियो में सैनिकों से बात करते हुए दिखाया गया था, जो वैगनर भाड़े के समूह द्वारा विद्रोह के बाद सार्वजनिक रूप से उनकी पहली ज्ञात उपस्थिति थी। वीडियो में कोई आवाज़ नहीं थी और यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि यात्रा कहाँ और कब हुई। शोइगु को एक सहकर्मी के साथ विमान में उड़ान भरते और रूस के जैपाद (पश्चिम) सैन्य समूह द्वारा संचालित एक कमांड पोस्ट पर रिपोर्ट सुनते हुए दिखाया गया था। रक्षा मंत्रालय के टीवी चैनल ज़्वेज़्दा ने कहा कि शोइगु ने यूक्रेन में अग्रिम पंक्ति की मौजूदा स्थिति के बारे में समूह के कमांडर कर्नल जनरल येवगेनी निकिफोरोव की एक रिपोर्ट सुनी।

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