Tamil Nadu BJP के सचिव को किया गया गिरफ्तार, DMK पर निशाना साधते हुए अन्नामलाई बोले- हम डरने वाले नहीं
Tamil Nadu BJP के सचिव को किया गया गिरफ्तार, DMK पर निशाना साधते हुए अन्नामलाई बोले- हम डरने वाले नहीं

तमिलनाडु की राजनीति में जबरदस्त हलचल है। डीएमके और भाजपा आमने-सामने हैं। इन सब के बीच मदुरै पुलिस ने शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात को तमिलनाडु बीजेपी के राज्य सचिव एसजी सूर्या को एक ट्वीट के लिए गिरफ्तार कर लिया। इस ट्वीट में भाजपा नेता ने एक सामाजिक मुद्दे पर डीएमके नेता की आलोचना की थी। इस मामले को लेकर भाजपा पूरी तरीके से तमिलनाडु सरकार और डीएमके पर हमलावर हो गई है। भाजपा ने कहा कि सरकार हमारे कार्यकर्ताओं को डराने के लिए बिल्कुल स्पष्ट है, जैसा कि सीएम स्टालिन ने कहा है… बीजेपी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
क्या है मामला
एक ट्विटर पोस्ट में, सूर्या ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पार्षद विश्वनाथन पर एक स्वच्छता कार्यकर्ता को मल से भरे एक नाले को साफ करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप एलर्जी के कारण कार्यकर्ता की मौत हो गई। सीपीआई (एम) मदुरै के सांसद सु वेंकटेशन को संबोधित में लिखा कि “सफाई कर्मचारी की जान कम्युनिस्ट पार्षद ने ले ली। फर्जी चुप्पी साधने वाले मदुरै के सांसद एस वेंकटेशन! आपकी अलगाववाद की नकली राजनीति से उस नाले से भी ज्यादा बदबू आ रही है। मनुष्य के रूप में जीने का तरीका खोजो, दोस्त! इसी को लेकर भाजपा नेता को गिरफ्तार किया गया है।
सत्तारूढ़ द्रमुक पर भाजपा का निशाना
भाजपा के प्रदेश इकाई के प्रमुख के अन्नामलाई ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर ‘अंकुश लगाने’ का प्रयास बताया। अन्नामलाई ने ट्वीट किया, ‘‘भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रदेश सचिव थिरु सूर्या की गिरफ्तारी बेहद निंदनीय है। उनकी एकमात्र गलती द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कषगम) के सहयोगी कम्युनिस्टों के दोहरे मानदंडों को उजागर करना था। अभिव्यक्ति की आजादी को कम करने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करना और थोड़ी-सी आलोचना से घबरा जाना, एक लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेता के वास्तव में अलोकतांत्रिक और निरंकुश नेता बनने का संकेत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये गिरफ्तारियां हमें नहीं डिगाएंगी। हम सच सामने लाने के प्रयास जारी रखेंगे। तमिलनाडु भाजपा के उपाध्यक्ष नारायणन थिरुपति ने कहा कि कुछ भी मानहानिकारक नहीं है। वास्तव में, यह वेंकटेशन की एक झूठी शिकायत है। सांसद की ओर से झूठी शिकायत देना गैर-जिम्मेदाराना है।