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आईसीयू से बाहर आए पिता, अगले ही दिन बेटे Mohsin Khan ने टीम को दिलाई शानदार जीत, खिलाड़ी ने शेयर किया खास किस्सा

आईसीयू से बाहर आए पिता, अगले ही दिन बेटे Mohsin Khan ने टीम को दिलाई शानदार जीत, खिलाड़ी ने शेयर किया खास किस्सा

इंडियन प्रीमियर लीग में 16 मई को बेहद ही रोमांचक मुकाबले में मुंबई इंडियंस की टीम को मात्र पांच रनों से लखनऊ सुपर जायंट्स से मात खानी पड़ी। इस जीत के हीरो रहे हैं लखनऊ सुपरजायंट्स के तेज गेंदबाज मोहसिन खान जिन्होंने 20वां ओवर ऐसे डाला की बल्लेबाज 11 रन भी नहीं बना सके और लखनऊ की झोली में मैच आ गया। मोहसिन खान की सधी हुई गेंदबाजी के कारण ही मुंबई इंडियंस के स्टार बल्लेबाजों टिम डेविड और कैमरून ग्रीन को उन्होंने रन बनाने का कोई मौका नहीं दिया।

इस मुकाबले के बाद मोहसिन खान ने खास बात भी साझा की है। उन्होंने बताया कि मुंबई के साथ मैच खेलने से एक दिन पहले ही उनके पिता आईसीयू से बाहर आए है। उन्होंने कहा कि ये काफी मुश्किल समय था। बीते 10 दिनों से वो अस्पताल में थे और कल ही आईसीयू से बाहर आए है। मैच वो भी देख रहे होंगे। बता दें कि इस मुकाबले में मोहसिन खान ने तीन ओवर में 26 रन लुटाए और एक विकेट झटका था।

बीमारी का भी किया जिक्र
लखनऊ सुपरजायंट्स के तेज गेंदबाज मोहसिन खान ने इंडियन प्रीमियर लीग टी20 मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ टीम को यादगार जीत दिलाने के बाद खास बात साझा की। उन्होंने अपनी बीमारी का जिक्र किया और बुरे समय को याद किया। उन्होंने बताया कि अगर वह चिकित्सकों के पास सही समय पर नहीं पहुंचते तो उनका हाथ भी काटना पड़ सकता था। बता दें कि मोहसिन खान को पिछले साल कंधे की सर्जरी करानी पड़ी थी। उनके बायें कंधे में खून के थक्के जम गये थे।

सर्जरी के कारण मैदान से रहे दूर
इस सर्जरी के कारण उन्हें काफी समय तक मैदान से दूर रहना पड़ा था। यहां तक कि मोहसिन खान पूरे घरेलू सत्र और आईपीएल के शुरुआती मैच नहीं खेल पाए थे। मोहसिन ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ एक समय था जब मैंने क्रिकेट खेलने का भरोसा छोड़ दिया था क्योंकि मेरा हाथ उठता भी नहीं था। बहुत कोशिश करके हाथ किसी तरह उठाता था तो यह सीधा नहीं होता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह चिकित्सा संबंधी बीमारी थी। मैं उस समय को याद करके डर जाता हूं, क्योंकि डॉक्टरों ने कहा था कि अगर मैं सर्जरी में एक महीना और विलंब करता, तो मेरा हाथ भी काटना पड़ सकता था।’’

इस 24 साल के तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘मैं चाहूंगा कि किसी भी क्रिकेटर को यह बीमारी ना हो। यह अजीब तरह की बीमारी थी। मेरी धमनियां पूरी तरह से बंद हो गयी थी। इनमें खून के थक्के जम गए थे। क्रिकेट संघ (उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ), राजीव शुक्ला सर, मेरी फ्रेंचाइजी (लखनऊ सुपरजायंट्स) , मेरे परिवार ने इस मुश्किल समय में काफी समर्थन किया, सहयोग दिया। सर्जरी से पहले और उसके बाद मैंने बहुत ही कठिन समय देखा है लेकिन सब ने मेरा साथ दिया।’’ आखिरी ओवर की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है कि इसका दबाव होता है। मैं मैदान में वही करने की कोशिश कर रहा था जो हम आमतौर पर अभ्यास के दौरान करते है। मैं 10 या 11 रन का बचाव करने के बारे में नहीं सोच रहा था। मै छह अच्छी गेंद डालने के बारे में सोच रहा था।

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