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King Charles Coronation: करोड़ों लोग देख रहे थे महारानी की ताजपोशी, जानें एलिजाबेथ की तुलना में किंग चार्ल्स का राज्याभिषेक कैसे होगा अलग

King Charles Coronation: करोड़ों लोग देख रहे थे महारानी की ताजपोशी, जानें एलिजाबेथ की तुलना में किंग चार्ल्स का राज्याभिषेक कैसे होगा अलग

बस एक दिन का इंतजार और इसके बाद किंग चार्ल्स आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के राजा बन जाएंगे। चार्ल्स के राजतिलक की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। ये समारोह कितना खास और शानदार होगा इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इसके आयोजन पर एक हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान जताया जा रहा है। तस्वीरों को देखकर यही लगता है कि जैसा पूरा ब्रिटेन चार्ल्स के राज्याभिषेक में चार चांद लगाने और इसमें शामिल होने के लिए बेकरार हैं। चार्ल्स का राजतिलक दुनिया का सबसे बड़ा इवेंट बनने जा रहा है। अपने पिता की मृत्यु के बाद 1952 में महारानी बनी एलिजाबेथ के मुकाबले उनके बेटे किंग चार्ल्स III का राज्याभिषेक समारोह मामूली और काफी छोटा होने की उम्मीद है।

बकिंघम पैलेस ने कहा कि उत्सव में पवित्र धार्मिक सेवा से जुड़े प्रमुख लोग शामिल होंगे और किंग चार्ल्स के आधुनिक राजशाही के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करेंगे। वेस्टमिंस्टर एब्बे में आयोजित समारोह में चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला का राज्याभिषेक होगा। पूरा कार्यक्रम केवल एक घंटे तक चलेगा, जबकि जब 2 जून 1953 को महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राज्याभिषेक हुआ था, तो समारोह तीन घंटे से अधिक समय तक चला था।

एलिजाबेथ का 5 मील लंबा जुलूस, 27 मिलियन लोगों ने लाइव देखा था

ब्रिटेन में अनुमानित 27 मिलियन लोगों ने टीवी पर दिवंगत रानी के राज्याभिषेक समारोह को देखा और 11 मिलियन लोगों ने रेडियो पर सुना था। दिवंगत महारानी का राज्याभिषेक टेलीविज़न पर प्रसारित होने वाला पहला राज्याभिषेक था। द टेलीग्राफ के अनुसार किंग चार्ल्स अपनी मां के उदाहरण का पालन करना चुन सकते हैं, हालांकि, ऐसी अटकलें हैं कि सम्राट उस परंपरा को तोड़ सकते हैं। अभय सेवा के बाद, 1953 का राज्याभिषेक जुलूस महारानी एलिजाबेथ को लंदन से बकिंघम पैलेस तक 5 मील की यात्रा पर ले जाया गया था। हालाँकि, चार्ल्स और कैमिला का राज्याभिषेक जुलूस लंबाई का एक अंश होगा यानी सिर्फ 1.3 मील।

ताजपोशी में खर्च किए जाएंगे करीब 100 मिलियन पाउंड

भले ही ब्रिटेन के लोग इस समय महंगाई की मार झेल रहे हो। लेकिन इस ताजपोशी में करीब 100 मिलियन पाउंड यानी 1 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ये समारोह पूरे यूरोप और दुनिया के लिए अपनी तरह का अनोखा और सबसे भव्य समारोह है। इसमें हजारों सालों से चली आ रही रस्मों के तरह राजा-रानी को ताज पहनाया जाएगा। दर्शक गॉड सेव द किंग के नारे लगाएंगे।

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