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UP Nikay Chunav: आखिर प्रयागराज में CM Yogi ने क्यों कहा, जो जस करइ सो तस फल चाखा

UP Nikay Chunav: आखिर प्रयागराज में CM Yogi ने क्यों कहा, जो जस करइ सो तस फल चाखा

UP Nikay Chunav: आखिर प्रयागराज में CM Yogi ने क्यों कहा, जो जस करइ सो तस फल चाखा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ राज्य में निकाय चुनाव को लेकर लगातार भाजपा के पक्ष में प्रचार कर रहे है। मुख्यमंत्री योगी अतिक अहमद हत्याकांड के बाद पहली बार प्रयागराज पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने तुलसीदास की लिखी चौपाई का जिक्र किया और इशारों-इशारों में अतीक अहमद को लेकर तंज कसा। योगी ने कहा कि करम प्रधान विश्व रचि राखा। जो जस करइ सो तस फल चाखा। जो जैसा कर्म करेगा उसको उन्हीं कर्मों के अनुसार फल भी भोगना पड़ेगा। यही संसार का विधान है। उन्होंने कहा कि जहां अन्याय और अत्याचार से पीड़ित व्यक्ति न्याय पाने की अभिलाषा से आता है, कुछ लोगों ने उस प्रयागराज की धरती को अन्याय और अत्याचार का शिकार बना दिया था। लेकिन यह प्रकृति ना किसी पर अत्याचार करती है और ना किसी के अत्याचार को स्वीकार करती है। सबका हिसाब बराबर करके रख देती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तो सबका साथ सबका विकास के भाव के साथ काम किया है। हमने कब जाति, धर्म, मजहब के आधार पर किसी के साथ भेदभाव किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमने कभी तुष्टिकरण को प्रोत्साहित नहीं किया, जो इसे प्रोत्साहित करते थे वही भेदभाव, बंटवारा करते थे। योगी ने कहा कि आज नगरों में किसी प्रकार का शोहदों का आतंक नहीं है। आज हमारे नगर सेफ सिटी हो रहे हैं। आज युवाओं के हाथों में तमंचा नहीं है क्योंकि उन्हें तमंचे का दुष्परिणाम पता है। आज उनके हाथ में टैबलेट है और यह टैबलेट उसके टैलेंट को टेक्नोलॉजी से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि लड़कियां सुरक्षित स्कूल जा सकती हैं, व्यापारी व्यापार कर सकता है।

योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश, परिवारवादी और जातिवादी मानसिकता के दलों से आगे बढ़कर एक राष्ट्रवाद की सोच के साथ विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि यह वही उत्तर प्रदेश था जहां पर्व और त्योहार भय और आतंक के साये में मनाए जाते थे। लेकिन आज प्रदेश में पर्व और त्योहार खुशहाली लाते हैं। आज प्रदेश में कर्फ्यू नहीं, दंगा नहीं, बल्कि सभी ओर चंगा ही चंगा है। उन्होंने कहा जो लोग पहले आतंक के बल पर गरीबों की संपत्तियों पर कब्जा करते थे, व्यापारियों से रंगदारी वसूलते थे, आज गले में तख्ती लटकाकर जाने के लिए मजबूर हुए हैं।

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