Shekhawat संजीवनी मामले में आरोपी बने हुए हैं, राजस्थान सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया
Shekhawat संजीवनी मामले में आरोपी बने हुए हैं, राजस्थान सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया

राजस्थान उच्च न्यायालय ने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मामले में आरोपी बताए जाने के संबंध में राज्य सरकार के स्पष्टीकरण को शुक्रवार को रिकार्ड पर लिया। अदालत कथित घोटाले में राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने की शेखावत की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें हजारों निवेशकों को ठगा गया था। तेरह अप्रैल को पिछली सुनवाई में कांग्रेस शासित राज्य के वकील अभिषेक सिंघवी ने शेखावत की याचिका को गलत समझ पर आधारित बताते हुए कहा कि वह इस मामले में राजस्थान विशेष जांच समूह (एसओजी) द्वारा दर्ज की गई किसी भी प्राथमिकी में आरोपी नहीं हैं।
दो दिन बाद, राज्य सरकार ने एक नयी अर्जी दायर की जिसमें कहा गया है कि सिंघवी की दलील अनजाने में रखी गई क्योंकि वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश हुए थे, और उन्हें अदालत में उपस्थित एसओजी के जांच अधिकारी से सहयोग नहीं मिल पाया था। न्यायमूर्ति कुलदीप माथुर की अदालत ने शुक्रवार को राज्य सरकार की नयी अर्जी को रिकॉर्ड पर रखा लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि मंत्री की गिरफ्तारी पर पूर्व में लगाई गई रोक लागू रहेगी।
राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार को ताजा दलील में कहा गया कि शेखावत प्राथमिकी में अब तक की गई जांच के आधार पर आरोपी हैं। दलील में कहा गया कि कथित घोटाले में हजारों निवेशकों से कई सौ करोड़ रुपये की ठगी की गई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि शेखावत और उनका परिवार क्रेडिट सोसाइटी से जुड़ा था। हालांकि केन्द्रीय मंत्री ने आरोपों को खारिज कर दिया था। मंत्री ने गहलोत के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है।