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चेहरे पर तिरंगा लगाकर पहुंचने वाली लड़की को स्वर्ण मंदिर में जाने से रोकने पर SGPC ने दी सफाई, सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने को बताया शर्मनाक

चेहरे पर तिरंगा लगाकर पहुंचने वाली लड़की को स्वर्ण मंदिर में जाने से रोकने पर SGPC ने दी सफाई, सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने को बताया शर्मनाक

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने चेहरे पर तिरंगा वाली लड़की को स्वर्ण मंदिर में जाने से रोकने पर माफी मांगी है। एसजीपीसी का यह बयान मंदिर के बाहर एक बड़े विवाद के मद्देनजर आया है, जब एक कर्मचारी को लड़की से यह कहते हुए सुना गया कि यह भारत नहीं है, यह पंजाब है। घटना का एक वीडियो सोमवार को वायरल हुआ। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव ने घटना पर माफी मांगी है।

विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि भक्तों के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ। किसी भी क्षेत्र, जाति या धर्म के लोगों का पूजा करने के लिए स्वागत है। गुरचरण सिंह ने कहा, “कर्मचारी को उकसा कि कर्मचारी को उकसाया गया था। एसजीपीसी के महासचिव होने के नाते, अगर भक्त को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा तो मैं माफी मांगता हूं। हालांकि, सोशल मीडिया पर ट्रोल्स का मकसद शर्मनाक था। जहां महासचिव ने माफी मांगी, वहीं विवादित बयान देने वाले गार्ड सरबजीत सिंह ने माफी नहीं मांगी है।

सबजीत सिंह ने एक वीडियो में कहा कि उसने स्कर्ट पहनी हुई थी। मैंने उसे गरिमा के बारे में बताया और उसे अपने शरीर को ढंकने के लिए कहा। पैर पूरी तरह से ढंके होने चाहिए। हरमंदर साहिब (स्वर्ण मंदिर) में सभी का स्वागत है, लेकिन गरिमा के साथ एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि भक्त और सेवादार के बीच बातचीत को नकारात्मक रूप से चित्रित नहीं किया जाना चाहिए। मैं एक महिला श्रद्धालु की वायरल बातचीत के बारे में सोशल मीडिया पर सिखों के खिलाफ बनाई जा कहानी की निंदा करता हूं।

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