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Maharashtra में किसानों की महारैली, उद्धव ठाकरे बोले- सीएम और डिप्टी सीएम को जाकर उनसे बात करनी चाहिए

Maharashtra में किसानों की महारैली, उद्धव ठाकरे बोले- सीएम और डिप्टी सीएम को जाकर उनसे बात करनी चाहिए

Maharashtra में किसानों की महारैली, उद्धव ठाकरे बोले- सीएम और डिप्टी सीएम को जाकर उनसे बात करनी चाहिए

उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब तक इस सरकार की तरफ से कोई बात करने नहीं गया। इसके साथ ही उन्होने साफ तौर पर कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे अपनी मांगों को लेकर इतनी दूर आ रहे हैं।

महाराष्ट्र में किसानों की महारैली राज्य सरकार की चिंताएं बढ़ा रही हैं। हजारों किसानों ने नासिक से मुंबई तक 175 किलोमीटर लंबा पैदल मार्च जारी रखा है। अहमदनगर, धुले और पालघर के किसान 5,000 किसानों में शामिल हो गए थे, जिनमें से ज्यादातर नासिक जिले के आदिवासी क्षेत्र से थे, क्योंकि उन्होंने सोमवार को मुंबई के लिए अपना ‘लॉन्ग मार्च’ शुरू किया था। इसी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा नासिक से मुंबई आ रहा है। उनके विरोध पर ध्यान देना चाहिए। इससे पहले भी किसानों ने मार्च निकाला था। इस दौरान आदित्य ठाकरे उनसे मिलने पहुंचे।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब तक इस सरकार की तरफ से कोई बात करने नहीं गया। इसके साथ ही उन्होने साफ तौर पर कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे अपनी मांगों को लेकर इतनी दूर आ रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि सीएम और डिप्टी सीएम को जाकर उनसे बात करनी चाहिए। पुरानी पेंशन योजना को लेकर भी उन्होंने बात रखी। ठाकरे ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत इस सरकार के पीछे है, जो दिल्ली में है तो इसे (पुरानी पेंशन योजना) लागू करने में उन्हें क्या दिक्कत हो रही है।

आपको बता दें कि नासिक जिले से हजारों किसानों और आदिवासियों ने प्याज उत्पादकों को 600 रुपये प्रति क्विंटल की तत्काल वित्तीय राहत देने, 12 घंटे के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति और कृषि ऋण की माफी सहित अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को मुंबई की ओर मार्च निकाला है। प्रदर्शनकारियों ने 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू करने की मांग की। बंदरगाह और खनन मंत्री दादा भुसे ने कहा कि सरकार किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को बैठक करेगी और किसानों एवं आदिवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सहमति बनने की उम्मीद है।

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