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Russia-Ukraine war: मुझे गोला-बारूद चाहिए, बच निकलने के लिए सवारी नहीं, वोलोदिमीर जेलेंस्की सबसे बड़े लड़ैया या फिर हैं रूस से जंग की वजह

Russia-Ukraine war: मुझे गोला-बारूद चाहिए, बच निकलने के लिए सवारी नहीं, वोलोदिमीर जेलेंस्की सबसे बड़े लड़ैया या फिर हैं रूस से जंग की वजह

24 फरवरी 2022 की वो तारीख जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर अपना अटैक शुरू किया। उस वक्त यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा था जब आप हम पर हमला करेंगे, तो आप हमारे चेहरे देखेंगे। हमारी पीठ नहीं, बल्कि हमारे चेहरे। संघर्ष के एक वर्ष में जिस युद्ध ने हजारों लोगों की जान ले ली, कई लोगों को बेघर कर दिया, लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया और बड़े पैमाने पर रक्तपात और हिंसा से शहरों को बर्बाद कर दिया, वह भयानक दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रूस के लिए ये युद्ध के मैदान में भीषण गोलाबारी से अपनी ताकत का अहसास कराना और कई मौकों पर पीछे हटने का दौर रहा। जबकि कई विश्लेषकों ने यूक्रेनी प्रतिरोध के कुछ ही दिनों में उखड़ने की उम्मीद की थी। लेकिन कीव ने उग्र प्रतिरोध, आश्चर्यजनक जवाबी हमले और अप्रत्याशित हिट-एंड-रन स्ट्राइक के साथ मुकाबला किया।

“लड़ाई हो रही है। मुझे गोला-बारूद चाहिए, सवारी नहीं।’’ यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की द्वारा 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूस के बड़े पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के तुरंत बाद कीव से निकलने की अमेरिकियों की पेशकश के जवाब में कथित तौर पर कहे गए इन शब्दों ने एक नायक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा की नींव रखी। अपने व्यक्तित्व और बोलने कि मासूमियत भरी शैली से किसी को भी वो पहली नज़र में किसी कक्षा के आज्ञाकारी छात्र प्रतीत हो सकते हैं। लेकिन अपने इरादे और हौसले से रूस की सुपर पॉवर सेना से टक्कर लेने वाले जेलेंस्की बीते एक बरस में सबसे बड़े लड़ैया बनकर उभरे हैं। पिछले 12 महीनों में ज़ेलेंस्की की प्रतिष्ठा देश और विदेश दोनों में बदल गई है।

पुतिन को क्यों फूटी आंख नहीं सुहाते जेलेंस्की

44 साल के जेलेंस्की को पहले के राष्ट्रपतियों की तरह राजनीति का कोई अनुभव नहीं था। उनके कार्यकाल की शुरुआत में ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव लगातार बना रहा। उन्हीं के कार्यकाल में यूक्रेन के संविधान में संशोधन कर उसके नाटो और यूरोपीय संघ के सदस्य बनाने की नीतियों का ऐलान किया गया था। यही कारण है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं। अप्रैल में पूर्व कॉमेडियन वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पेट्रो पोरोशेंको को चुनाव में हराकर राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली। उन्होंने कहा कि वो पूर्वी यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को समाप्त कर भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे। जेलेंस्की का झुकाव अमेरिका की तरफ ज्यादा रहा। उन्होंने जो बाइडेन से नाटो में शामिल होने के लिए सहायता भी मांगी। जबकि जेलेंस्की सरकार ने विपक्षी नेता विक्टर मेडवेडचुक पर प्रतिबंध लगाए। इससे रूस नाराज हो गया क्योंकि मेडवेडचुक के संबंध क्रेमलिन से बहुत ही मधुर रहे थे।

जेलेंस्की को जानें

जेलेंस्की की का जन्म 25 जनवरी 1978 को सोवियत संघ के कृवि रिह में हुआ। वर्तमान में कृवी शहर यूक्रेन का हिस्सा है। जेलेंस्की के माता-पिता यहूदी थे हालांकि उनके बचपन में ही उनका परिवार मंगोलिया के एडिनेट में रहने चला गया था। इस कारण जेलेंस्की की शुरुआती शिक्षा मंगोलिया में हुई। जेलेंस्की की रूसी भाषा में पकड़ अच्छी है। बड़े होने पर वह वापस यूक्रेन पहुंचे और 1995 में नेशनल इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बावजूद जेलेंस्की ने अपना करियर कॉमेडी के क्षेत्र में बनाया। पढ़ाई के दौरान ही जेलेंस्की थिएटर को लेकर आकर्षित हुए। वे 1997 में पर्फार्मेंस ग्रुप, क्वार्टल 95, केवीएन 9 के फाइनल में नजर आए। साल 2014 यूक्रेन की जनता ने विद्रोह कर रूसी समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानाकोविच को हटा दिया। जिसके जवाब में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर क्रीमिया कर लिया। तब से ही रूस ने यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में विद्रोहियों को हथियार और पैसों से मदद करना भी शुरू किया था। अब रील लाइफ में राष्ट्रपति का किरदार निभा चुके जेलेंस्की के रियल लाइफ में राष्ट्रपति बनने का वक्त था। उन्होंने साल 2019 में चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस चुनाव में 70 फीसदी से ज्यादा मतों से उनकी जीत हुई। लेकिन अब ये जीत जेलेंस्की के लिए कांटों भरा ताज साबित हो रही है।

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