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Victoria Gowri को जज बनाए जाने को लेकर क्यों मचा इतना बवाल? पहली बार नहीं हुआ ऐसा, संसद के सदस्य भी हो चुके हैं प्रोन्नत

Victoria Gowri को जज बनाए जाने को लेकर क्यों मचा इतना बवाल? पहली बार नहीं हुआ ऐसा, संसद के सदस्य भी हो चुके हैं प्रोन्नत

जजों की नियुक्ति पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट में तनातनी के बीच विक्टोरिया गौरी का मामला सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गया। जिसके बाद मद्रास उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में वकील लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी ने शपथ ग्रहण की। हालांकि ऐसा कोई पहली दफा नहीं हुआ है जब नोटिफिकेशन जारी होने के बाद किसी जज की नियुक्ति को चुनौती दी गई हो। 30 साल पहले भी ऐसा मामला देखने को मिला था जब हाई कोर्ट जज की नियुक्ति के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था।

केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि राजनीतिक पृष्ठभूमि के वकीलों को उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश नियुक्त करने में कुछ भी गलत नहीं है। इस संबंध में उन्होंने पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल द्वारा किए गए एक ट्वीट को रीट्वीट किया। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट (मद्रास हाई कोर्ट) से भाजपा से संबंध रखने वाली विक्टोरिया गौरी के नाम की सिफारिश की थी। लेकिन इसका बचाव करने वाले स्वराज कौशल ने कहा, ‘केरल के मंत्री एनवाई वीआर कृष्णा अय्यर जस्टिस बने। न्यायमूर्ति के.एस. हेगड़े और बुहारुल इस्लाम कांग्रेस के सांसद थे जब उन्हें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। किरेन रिजिजू ने इसे रीट्वीट कर राजनेताओं को जज बनाने की सिफारिशों का बचाव किया।

शपथ ग्रहण से पहले सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका

मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में वकील लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन ने नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए अर्जी दाखिल की। कोर्ट ने 10 फरवरी को सुनवाई करने का फैसला किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई ने कहा कि वह 7 फरवरी को एक बेंच का गठन करेंगे। विक्टोरिया गौरी बीजेपी से जुड़ी हैं और उन पर मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने का आरोप है। इसलिए उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताई गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने नहीं माना भाजपा से कनेक्शन वाला तर्क

सुप्रीम कोर्ट ने गौरी को मद्रास उच्च न्यायालय की न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजय खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की विशेष पीठ ने कहा, “हम रिट याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं। वजहें बताई जाएंगी।

लोगों को न्याय देकर संविधान निर्माताओं के सपनों को करेंगी साकार

वकील लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी ने मद्रास उच्च न्यायालय की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन में गौरी ने कहा कि वह लोगों को न्याय देकर संविधान निर्माताओं के सपनों को साकार करेंगी। मद्रास उच्च न्यायालय के कुछ वकीलों ने गौरी द्वारा मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ की गई कथित घृणास्पद टिप्पणियों को लेकर न्यायाधीश पद पर उनकी नियुक्ति का विरोध किया था।

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