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विपक्ष ने कमियां गिनाई हजार, BJP ने खुबियां बताई बेशुमार, राजनेताओं की नजर से जानें कैसा है आम बजट

विपक्ष ने कमियां गिनाई हजार, BJP ने खुबियां बताई बेशुमार, राजनेताओं की नजर से जानें कैसा है आम बजट

विपक्ष ने कमियां गिनाई हजार, BJP ने खुबियां बताई बेशुमार, राजनेताओं की नजर से जानें कैसा है आम बजट

सीतारमण जुलाई, 2019 में वित्त मंत्री का पद संभालने के बाद अपना पांचवां पूर्ण बजट पेश किया। बजट को लेकर जहां एक तरफ बीजेपी ने कई सारी खुबियां गिनाई तो वहीं विपक्ष की तरफ से इसपर सवाल भी उठाए गए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2023 पेश किया है। बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत ने अच्छी आर्थिक वृद्धि हासिल की है और इसलिए विश्व ने उसे एक आकर्षक स्थल माना है। उन्होंने आम बजट 2023-24 को पिछले बजट की बुनियाद और ‘इंडिया एट 100’ के मसौदे पर निर्माण की उम्मीद करार दिया। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट है। सीतारमण जुलाई, 2019 में वित्त मंत्री का पद संभालने के बाद अपना पांचवां पूर्ण बजट पेश किया। बजट को लेकर जहां एक तरफ बीजेपी ने कई सारी खुबियां गिनाई तो वहीं विपक्ष की तरफ से इसपर सवाल भी उठाए गए।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अमृतकाल का पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है, ये समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है, जो टैक्स स्लैब बनाया गया है वो राहत देने वाला है। युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है। समाज के निम्न वर्ग को भी राहत दी गई है, पीएम आवास योजना में जो योगदान बढ़ाया गया है वो स्वागतयोग्य है। इसी से प्रेरणा लेकर हम अपने राज्य का बजट लाएंगे और लोगों को राहत देने वाला एक अच्छा बजट पेश करेंगे।

नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र निर्माण का प्रतिबिंब

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस बजट से महिला का सम्मान बढ़ा, बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से ज़िला स्तर पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे और बढ़ेंगे इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है।

बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई। वहीं कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है…टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है।

किसानों की एमएसपी की बात नहीं

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका जाएगा। सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि ये चुनावी बजट है, किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है। रेलवे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है। ये बहुत ही निराशाजनक बजट है।

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