इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि कोई आपराधिक गैंग का सदस्य है तो उसे गैंगस्टर Act के तहत अलग केस में दंडित किया जा सकता है। मूल केस में बरी होने के आधार पर गिरोह बंद कानून के तहत अपराध का केस समाप्त नहीं होगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि कोई आपराधिक गैंग का सदस्य है तो उसे गैंगस्टर Act के तहत अलग केस में दंडित किया जा सकता है। मूल केस में बरी होने के आधार पर गिरोह बंद कानून के तहत अपराध का केस समाप्त नहीं होगा

यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग नहीं है।
कोर्ट के इस फैसले से गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को बड़ा झटका लगा है।
कोर्ट ने BJP विधायक कृष्णानंद राय व छः अन्य की हत्या केस में बरी होने के आधार पर गैंगस्टर एक्ट केस समाप्त करने की मांग में दाखिल अफजाल अंसारी की याचिका खारिज कर दी है। याचिका में अपराध से उन्मुक्त करने, चार्जशीट सहित गिरोह बंद केस को समाप्त करने की मांग की गई थी।
यह आदेश न्यायमूर्ति डी के सिंह ने अफजाल अंसारी की धारा 482दंड प्रक्रिया संहिता की याचिका पर दिया है।
याची का कहना था कि, गाजीपुर के भंवर कोल थाना क्षेत्र में कृष्णानंद राय केस में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है।इसी केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मोहम्मदाबाद थाने में केस दर्ज कराया गया।जब मूल केस में बरी हो गए तो धारा 12के तहत गैंग्स्टर एक्ट की कार्यवाही समाप्त होनी चाहिए। केस चलाना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
कोर्ट ने याची के सीनियर एडवोकेट दिलीप कुमार,व उपेन्द्र उपाध्याय के तर्क को सही नहीं माना।और कहा कि गैंग सदस्य पर गिरोह बंद कानून के तहत अलग से केस चल सकता है। स्टेट गवर्नमेंट के अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी का कहना था कि याची, गैंग सरगना मुख्तार अंसारी गिरोह का सदस्य है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गैंग के किसी सदस्य के अपराध करने पर सभी सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस चल सकता है।
उन्होंने कहा कि कृष्णानंद राय केस सुप्रीम कोर्ट ने नई दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था किन्तु गैंगस्टर एक्ट केस वहां नहीं भेजा गया।
हत्या केस में चश्मदीद गवाहों के पक्षद्रोही होने के आधार पर आरोपियों को बरी किया गया है। फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने अपील सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है।अपील मूल केस का जारी रहना है।मुख्तार अंसारी गैंग में अफजाल अंसारी व एजाज उर्फ एजाज -उल- हक शामिल हैं। इन पर अपहरण, हत्या, फिरौती,लूट,आदि कई गंभीर अपराध दर्ज है।मूल केस में बरी होने के बावजूद गैंगस्टर एक्ट के अपराध का केस चलेगा। समाप्त नहीं होगा। जिसपर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है