ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राष्ट्रीय

नीतीश के इन दो करीबी नेताओं ने खिसका दी चिराग की जमीन, ऐसे रचा गया ‘ऑपरेशन LJP’

नीतीश के इन दो करीबी नेताओं ने खिसका दी चिराग की जमीन, ऐसे रचा गया 'ऑपरेशन LJP'

नीतीश के इन दो करीबी नेताओं ने खिसका दी चिराग की जमीन, ऐसे रचा गया 'ऑपरेशन LJP'

रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी टूट की कगार पर है। पार्टी के 6 सांसदों में से पांच सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष और संसद में संसदीय दल के नेता चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर कर दी है। इस बगावत में रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस और उनके भतीजे प्रिंस राज भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि लोजपा के यह सांसद चिराग पासवान की कार्यशैली से काफी नाराज थे। यह पांच सांसद हैं पशुपति पारस, वीणा देवी, चंदन सिंह, महबूब अली कैसर और प्रिंस राज। पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर संसद में पशुपति पारस को लोक जनशक्ति पार्टी का संसदीय दल का नेता बनाने का आग्रह किया है। इस विरोध के बाद चिराग पासवान अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ गए। आपको बता दें कि रामविलास पासवान ने जीते-जी अपने बेटे चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी की कमान सौंप दी थी।

रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार विधानसभा चुनाव हुआ। चुनाव में पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू कर दी। उन्होंने खुलकर नीतीश कुमार को जेल भेजने की भी चुनौती दे डाली, भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और बिहार में विकास नहीं होने का दावा किया। इतना ही नहीं, जदयू के प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे। इसका नतीजा यह हुआ कि जदयू महज 43 सीटें जीत सकी। जदयू के लिए यह किसी सदमे से कम नहीं था। हालांकि, सभी सांसद फिलहाल यह दावा कर रहे हैं कि चुनाव के वक्त जो भी फैसला लिया गया वह चिराग पासवान ने एकतरफा लिया। किसी से राय विचार नहीं की गई।

 

अब जो ‘ऑपरेशन एलजेपी’ हुआ है उसमें जदयू का बड़ा हाथ माना जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि नीतीश के दो करीबी नेताओं ने चिराग पासवान की जमीन पूरी तरीके से खिसका दी है। इतना ही नहीं, सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि ऑपरेशन एलजेपी को भाजपा का भी समर्थन था। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ऑपरेशन एलजेपी कहीं ना कहीं चिराग पासवान के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। जदयू के संसद में संसदीय दल के नेता और मुंगेर से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ऑपरेशन एलजेपी को अंजाम तक लेकर आए हैं। दोनों काफी समय से दिल्ली में रहकर इस ऑपरेशन की तैयारी कर रहे थे। दावा किया जा रहा है कि इस ऑपरेशन की शुरुआत विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ही शुरू हो गई थी।

हाजीपुर से सांसद पशुपति पारस की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि उन्होंने अपने भाई के साथ लोक जनशक्ति पार्टी को जन जन तक पहुंचाने का काम किया। पार्टी की वृद्धि के लिए लगातार मेहनत की। चिराग पासवान लगातार उन्हें दरकिनार करते रहे। प्रिंस राज को भले ही चिराग पासवान ने बिहार प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया हो लेकिन राजू तिवारी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उन्होंने प्रिंस के पावर को कम किया। लोजपा के इन नेताओं का यह भी आरोप है कि एनडीए से बाहर होने का फैसला चिराग पासवान ने एकतरफा लिया। लोजपा के पांचों सांसद नीतीश कुमार को विकास पुरुष बता रहे हैं। जबकि इसी नीतीश कुमार को चिराग पासवान लगातार कोसते रहे हैं।

 


IMG-20250402-WA0032

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!