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लद्दाख के बाद फेसऑफ का दूसरा बड़ा प्वाइंट बनता जा रहा अरुणाचल, 1987 में भी देखने को मिला था टकराव, 2021 में भारत ने बंदी बना लिए थे चीनी सैनिक

लद्दाख के बाद फेसऑफ का दूसरा बड़ा प्वाइंट बनता जा रहा अरुणाचल, 1987 में भी देखने को मिला था टकराव, 2021 में भारत ने बंदी बना लिए थे चीनी सैनिक

लद्दाख के बाद फेसऑफ का दूसरा बड़ा प्वाइंट बनता जा रहा अरुणाचल, 1987 में भी देखने को मिला था टकराव, 2021 में भारत ने बंदी बना लिए थे चीनी सैनिक

अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीन के सेनाओं के बीच झड़प की खबर है। इस घटना से दोनों पक्षों की ओर से सैनिकों के घायल होने की खबर है। अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में, अलग-अलग धारणा के क्षेत्र हैं, जहां दोनों पक्ष अपने दावे की सीमा तक क्षेत्र में गश्त करते हैं।
क्या चीन भारत से युद्ध करके ही मानेंगा। ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि अरुणाचल प्रदेश में चीनी हिमाकत एक बार फिर तेज होती दिखी है। हालांकि भारतीय सेना ने घुसपैठ को नाकाम तो कर दिया। अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीन के सेनाओं के बीच झड़प की खबर है। इस घटना से दोनों पक्षों की ओर से सैनिकों के घायल होने की खबर है। अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी के साथ कुछ क्षेत्रों में, अलग-अलग धारणा के क्षेत्र हैं, जहां दोनों पक्ष अपने दावे की सीमा तक क्षेत्र में गश्त करते हैं। 2006 से यही चलन है। वास्तविक नियंत्रण रेखावास्तविक नियंत्रण रेखा (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी) के आस पास चीन की हिमाकत कुछ बढ़ती ही जा रही है। कभी उसके हेलीकॉप्टर आते हैं तो कभी उसके सैनिक पैंगोंग त्सो झील में कारस्तानी कर जाते हैं।

1987 में भी टकराव देखने को मिला, ये टकराव तवांग के उत्तर में समदोरांग चू रीजन में हुआ। भारतीय फौज नामका चू के दक्षिण में ठहरी थीं, लेकिन एक आईबी टीम समदोरांग चू में पहुंच गई, ये जगह नयामजंग चू के दूसरे किनारे पर है। 1985 में भारतीय फौज पूरी गर्मी में यहां डटी रही, लेकिन 1986 की गर्मियों में पहुंची तो यहां चीनी फौजें मौजूद थीं। समदोरांग चू के भारतीय इलाके में चीन अपने तंबू गाड़ चुका था, भारत ने पूरी कोशिश की कि चीन को अपने सीमा में लौट जाने के लिए समझाया जा सके, लेकिन अड़ियल चीन मानने को तैयार नहीं था।

चीनी सैनिकों ने अक्टूबर 2021 में भी भारत की सीमा में घुसने की हिमाकत कर डाली थी। हालांकि इस बार भी उसे माकूल जवाब मिला था। यांत्गसे सेक्टर में एलएसी के पास घुसपैठ की कोशिश की थी। चीनी सेना की दो टुकड़ियों को मिलाकर करीब 200 सैनिक थे। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने कुछ चीनी सैनिकों को बंदी बना लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन की दो टुकड़ियों ने अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे तभी भारतीय जवानों की पैट्रोलिंग पार्टी वहां आ पहुंची। चीनी सैनिकों को वापस जाने को कहा गया और जिसके बाद विवाद हुआ। बाद बढ़ी तो भारतीय सैनिकों ने उन्हें पीछे धकेला और कुछ चीनी सैनिकों को बंदी बना लिया। बाद में दोनों देशों के सैन्य कमांडर्स की फ्लैग मीटिंग के बाद गतिरोध खत्म हुआ।

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