Shraddha Murder Case में मृतका के पिता ने की आफताब के लिए फांसी की मांग, लगाए गंभीर आरोप
Shraddha Murder Case में मृतका के पिता ने की आफताब के लिए फांसी की मांग, लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली के चर्चित श्रद्धा हत्याकांड मामले में पहली बार श्रद्धा वॉकर के पिता विकास वॉकर ने सामने आकर बात की है। श्रद्धा वॉकर के पिता ने हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद विकास वॉकर ने मीडिया से भी बात की है।
उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल और डीसीपी साउथ को धन्यवाद देता हूं। इस मामले के उजागर होने के बाद उन्होंने आश्वासन दिया है कि वो मुझे न्याय दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात की है। श्रद्धा के पिता विकास ने बताया कि श्रद्धा की हत्या के बाद से हमारा परिवार दुखी है। मेरी तबियत भी खराब हो गई थी। उन्होंने वसई पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये वसई पुलिस की लापरवाही का नतीजा है कि मेरी बेटी की हत्या हो गई। अगर पुलिस ने सही समय पर कदम उठाया होता तो आज मेरी बेटी जिंदा होती।
आफताब के लिए की फांसी की मांग
उन्होंने आफताब के लिए फांसी की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि कानून और न्यायिक प्रक्रिया पर मुझे पूरा भरोसा है। दिल्ली पुलिस जांच कर रही है, जो सही दिशा में जा रही है। वसई पुलिस और नालासोपारा पुलिस ने जांच में देरी की थी। अगर उन्होंने तत्परता दिखाई होती तो मेरी बेटी आज जिंदा होती। उन्होंने कहा कि आफताब के अलावा जो भी लोग इस मामले से जुड़े हैं और दोषी हैं उन्हें सजा होनी चाहिए। आफताब को फांसी होनी चाहिए।
श्रद्धा ने नहीं की थी बात करने की कोशिश
उन्होंने कहा कि श्रद्धा से मैंने कई बार बात करने की कोशिश की थी। मगर बीते दो वर्षों के दौरान श्रद्धा ने मुझसे बात करना बंद कर दिया था। उसने मुझे फोन या मैसेज में कोई जवाब नहीं दिया था। मुझे कभी नहीं पता चला कि मेरी बेटी के साथ क्या हो रहा है। अंतिम बार श्रद्धा से वर्ष 2021 में मेरी बात हुई थी। मैंने पूछा था कि वो कहां रहती है जिसके बारे में उसने बताया कि वो बेंगलुरू में रहती है। वहीं इस बार आफताब से मैंने 26 सितंबर को बात की और उससे अपनी बेटी के बारे में पूछा मगर उसने कोई जवाब नहीं दिया था। मैं उन दोनों के रिश्ते के खिलाफ था।
ये है मामला
आफताब ने कथित तौर पर 18 मई को श्रद्धा का गला घोंट दिया और उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया, जिसे उसने कई दिनों तक शहर भर में फेंकने से पहले दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा।