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AIIMS Server Hacking: चीन से हैकिंग, डार्क वेब पर बिक रहा था डेटा, एम्स के 5 सर्वर में लगी थी सेंध

AIIMS Server Hacking: चीन से हैकिंग, डार्क वेब पर बिक रहा था डेटा, एम्स के 5 सर्वर में लगी थी सेंध

दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर साइबर हमले ने लाखों मरीजों के निजी डेटा को खतरे में डाल दिया है। सूत्रों ने कहा कि चीनी हैकरों द्वारा किए गए संदिग्ध साइबर हमले से कुल पांच मुख्य सर्वरों को निशाना बनाया गया। चुराए गए डेटा को संभवतः डार्क वेब, इंटरनेट के एक छिपे हुए हिस्से पर बेचा गया था। डेटा चोरी किए गए एम्स डेटा के लिए डार्क वेब पर 1,600 से अधिक सर्च को दिखाता है। चोरी किए गए डेटा में राजनेताओं और मशहूर हस्तियों सहित वीवीआईपी लोगों का विवरण शामिल है।

IFSO के सूत्रों ने खुलासा किया है कि कुल पांच सर्वर थे जिन्हें हैक किया गया था। एफएसएल की टीम अब डाटा लीक की जांच कर रही है। हालांकि, आईएफएसओ के अधिकारियों का कहना है कि कोई डेटा गुम नहीं हुआ है। यह पहली बार हैकिंग का मामला आईएफएसओ द्वारा संभाला गया है। हैकर्स का मुख्य मकसद पैसे की उगाही करना था, और आगे की जांच चल रही है।

हैकर्स ने कथित तौर पर एम्स से क्रिप्टोकरेंसी में अनुमानित 200 करोड़ रुपये की मांग की है। आशंका जताई जा रही है कि पिछले बुधवार सुबह सामने आए उल्लंघन के कारण लगभग 3-4 करोड़ मरीजों के डेटा से समझौता किया जा सकता था। सर्वर डाउन रहने के कारण इमरजेंसी, आउट पेशेंट, इनपेशेंट और लेबोरेटरी विंग में रोगी देखभाल सेवाओं को मैन्युअल रूप से प्रबंधित किया जा रहा है। साथ ही एम्स के नेटवर्क सैनिटाइजेशन का काम चल रहा है। सर्वर और कंप्यूटर के लिए एंटीवायरस समाधान व्यवस्थित किए गए हैं। यह 5,000 में से लगभग 1,200 कंप्यूटरों पर स्थापित किया गया है। 50 में से 20 सर्वरों को स्कैन किया जा चुका है और यह गतिविधि 24×7 जारी है

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