19 नवम्बर विश्व शौचालय दिवस :जानें क्या है इस साल की थीम
19 नवम्बर विश्व शौचालय दिवस :जानें क्या है इस साल की थीम


टॉयलेट डे का आयोजन टॉयलेट की इम्पोर्टेंस बताने किया जाता है। विश्व की एक बड़ी आबादी के पास आज भी शौचालय की सुविधा नहीं है। शौचालय एक बुनियादी जरुरत है जिसकी सुविधा सबके पास समान रूप से होनी चाहिए। खुले में शौच से आस पास गन्दगी के साथ ही पीने के पानी में प्रदुषण की भी समस्या हो जाती है।
वर्ल्ड टॉयलेट डे की शुरुआत 19नवम्बर 2001 में जैक सिम के सहयोग से की गयी।जैक सिम ने शौचालय का महत्त्व आम जनता को समझाने के लिए विश्व शौचालय संगठन की स्थापना की । यह एक इंटरनेशनल नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है जो लोगो को टॉयलेट की जरुरत को समझाते हैऔर सेनिटाइजेशन से संबंधित क्षेत्रों में काम करते है। वर्ल्ड टॉयलेट डे लोगो को स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वच्छता की जरुरत को समझाता है। हमारे देश में भी स्वच्छता से संबंधित बहुत से प्रोग्राम शुरू किये गए है।
क्यों जरुरी है टॉयलेट
भारत समेत पूरी दुनिया टॉयलेट के महत्व को समझ चुकी है इसलिए पूरी दुनिया में सेनिटाइजेशन से रिलेटेड बहुत से प्रोग्राम किये जा रहे है। शौचालय का इस्तेमाल करने से आप बहुत सी बीमारियों से बचे रहते है किसी तरह की महामारी नहीं फैलती एक रिसर्च केअनुसार हर साल बहुत से बच्चे जिनकी उम्र 5 साल से कम होती है केवल गंदगी और प्रदूषण के कारण अपनी जान गवां देते है।
खुले में शौच से सबसे ज्यादा खतरा महिलाओं को होता है अपने देश में सुरक्षा के नजरिये से भी खुले में शौचअनुचित है। खुले में शौच के कारण कई बार महिलाएं हिंसा का शिकार हो जाती है साथ ही खुले में शौच से जीव जंतुओं का भी खतरा बना रहता है। इससे महिलाओं को बहुत असुविधा होती है।
वर्ल्ड टॉयलेट डे के जरिये सेनिटाइजेशन और टॉयलेट के जरूरत को समझाया जाता है। पूरी दुनिया में इस दिन बहुत से आयोजन किये जाते है जिससे वैश्विक अस्वच्छता की समस्या को दूर किया जा सके।
वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम
2022 वर्ल्ड टॉयलेट की इस बार की थीम “सेनिटाइजेशन एंड ग्राउंड वाटर है ” कैम्पेन होगा “मेकिंग द इनविज़िबल विज़िबल” जो खुले में शौच के कारण ग्राउंड वाटर को होने वाले नुकसान को दर्शाता है। वर्ल्ड टॉयलेट डे के द्वारा शौचालय की स्वच्छता के लिए भी जागरूक किया जाता है क्योकि स्वच्छ शौचालय ही स्वच्छ समाज का परिचय होता है।
अब तो हमारे देश के सभी गावों में तेज़ी से शौचालय बनाने कार्य हो रहा हैअधिकांश गावों में शौचालय की सुविधा सभी को मयस्सर हो चुकी है कुछ लोग ही बचे है जो अभी तक इस सुविधा से वंचित है। मध्य प्रदेश में “टॉयलेट फॉर आल”का कैम्पेन चलाया जा रहा है अब तक बड़ी संख्या में शौचालय बन चुके है।
