कोऑपरेटिव बैंक से 300 करोड़ उड़ाने का था टारगेट, सर्वर हैक करने को खर्च किए 1 करोड़
कोऑपरेटिव बैंक से 300 करोड़ उड़ाने का था टारगेट, सर्वर हैक करने को खर्च किए 1 करोड़

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक (यूपीसीबी) के हजरतगंज स्थित ऑफिस का सर्वर हैककर कराड़ों रुपये ऑनलाइन निकालने के लिए गैंग के सदस्यों ने 1 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इन रुपयों से उन्होंने 6 डिवाइस, 3 की-लॉगर सॉफ्टवेयर खरीदे व तीन हैकर भी हायर किए थे। एसटीएफ ने यह खुलासा 5 और आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद किया है। सोमवार देर रात गिरफ्तार होने वालों में लोक भवन में तैनात अनुभाग अधिकारी और महमूदाबाद, सीतापुर में तैनात यूपीसीबी के सहायक प्रबंधक शामिल हैं।
पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि वह यूपीसीबी का सर्वर हैक करने के लिए 18 माह से होमवर्क कर रहे थे। हैकर, हैकिंग डिवाइस, अलग-अलग फील्ड से जुड़े लोगों की आवश्यकता थी। आरोपितों ने बताया कि हैकरों व गिरोह के सदस्यों के रुकने के लिए होटल कंफर्ट जोन, चारबाग में लगभग एक वर्ष तक कई कमरे बुक करवाए थे। इसके बिल तौर पर करीब 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। हैकिंग डिवाइस, हैकरों व गिरोह के अन्य सदस्यों पर लगभग 50 लाख रुपये व अन्य चीजों के लिए 20 लाख रुपये खर्च किएथे। यूपीसीबी के सर्वर पर 15 अक्टूबर को हैक करके 146 करोड़ रुपये निकालने का प्रयास किया गया था। बैंक के अधिकारियों ने किसी तरह रुपये निकलने से बचा लिए थे। मामले में तीन गिरफ्तारियां पहले हो चुकी हैं।
एसटीएफ के एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक छानबीन के दौरान पारा निवासी लोक भवन में तैनात अनुभाग अधिकारी रामराज, कृष्णानगर निवासी ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, शारदानगर निवासी यूपीसीबी के सहायक प्रबंधक कर्मवीर सिंह, कृष्णानगर निवासी आकाश कुमार और रायबरेली रोड निवासी भूपेंद्र सिंह की भूमिका सामने आई। आरोपितों पॉलिटेक्निक चौराहे से कुछ दूर बांस मंडी तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया है।
यूपीसीबी का सर्वर हैक कर 300 करोड़ रुपये ऑनलाइन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करने की योजना सरगना व उसके साथियों ने बनाई थी। सोमवार को पकड़े गए दो सरगना समेत पांच आरोपितों ने बताया कि इस साइबर अटैक के लिए पांच टीमें बनाई गईं थीं। इन टीमों में अलग-अलग फील्ड के 25 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। इस मामले में तीन हैकरों समेत फरार अन्य लोगों की तलाश अभी की जा रही है। एसटीएफ के मुताबिक अन्य लोगों के पकड़े जाने के बाद कई अन्य अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं।