मान सरकार से तकरार के बीच बोले पंजाब के राज्यपाल, उन्हें मुझसे सीखना चाहिए कि काम कैसे होता है
मान सरकार से तकरार के बीच बोले पंजाब के राज्यपाल, उन्हें मुझसे सीखना चाहिए कि काम कैसे होता है

पंजाब में भगवंत मान सरकार और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच लगातार तकरार की स्थिति देखने को मिलती है। एक बार फिर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर राज्य सरकार के कामकाज में लगातार हस्तक्षेप करने का आरोप लगा दिया। वहीं, पलटवार में आप बनवारीलाल पुरोहित ने भी बड़ा बयान दिया है। बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि पंजाब सरकार कह रही है कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं, वास्तव में राज्य सरकार विश्वविद्यालयों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वीसी के विस्तार के लिए तीन बार पत्र भेजा है। अगर राज्यपाल की नियुक्ति में कोई भूमिका नहीं है तो विस्तार देने में उनकी भूमिका कैसे हो सकती है?
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं 4 साल तक तमिलनाडु का राज्यपाल रहा। वहां बहुत बुरा हाल था। तमिलनाडु में कुलपति का पद 40-50 करोड़ रुपये में बिका। उन्होंने कहा कि जब मैं वहां राज्यपाल था तब मैंने कानून के अनुसार तमिलनाडु में विश्वविद्यालयों के 27 कुलपतियों की नियुक्ति की थी। बनवारीलाल पुरोहित ने साफ कहा कि उन्हें (पंजाब सरकार) मुझसे सीखना चाहिए कि काम कैसे होता है। मैं यह भी नहीं जानता कि पंजाब में कौन सक्षम है और कौन सक्षम नहीं है। मैं यह देखता हूं कि शिक्षा में सुधार हो। इससे पहले भगवंत मान ने राज्यपाल पर राज्य सरकार के कामकाज में लगातार ‘हस्तक्षेप’ करने का आरोप लगाया और कहा कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति कानून के तहत की गई थी। मुख्यमंत्री मान ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को संबोधित करते हुए पंजाबी में लिखी एक चिट्ठी अपने ट्विटर पर साझा की है।
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हालांकि, राजभवन का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से उन्हें मिला पत्र अंग्रेजी में है और उसमें जो लिखा है वह मीडिया में चल रही बातों से ‘बिलकुल अलग’ है। मान द्वारा पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के कुलपति के रूप में सतबीर सिंह गोसल की नियुक्ति और राज्यपाल पुरोहित द्वारा गोसल को हटाने को कहे जाने के बाद दोनों (मान और पुरोहित) में फिर से टकराव हो गया है। पुरोहित ने मंगलवार को मान से कहा था कि वह विश्वविद्यालय के कुलपति गोसल को पद से हटाएं। पुरोहित का कहना था कि कुलपति को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानदंडों के अनुपालन के बैगर और कुलाधिपति की मंजूरी के बिना नियुक्त किया गया था। पुरोहित को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को कहा कि गोसल को कानून के अनुसार नियुक्त किया गया था और राज्यपाल के इस कदम से जनता नाराज है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि कैसे राज्यपाल ने पिछले महीने विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी वापस ले ली थी और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, फरीदकोट के कुलपति के रूप में प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. गुरप्रीत सिंह वांडर की नियुक्ति को मंजूरी देने से भी इनकार कर दिया था।