उद्योग जगत

कोडेक्स समिति ने जायफल, केसर, मिर्च के लिये मानकों को दिया अंतिम रूप

कोडेक्स समिति ने जायफल, केसर, मिर्च के लिये मानकों को दिया अंतिम रूप

मसाले और खाने में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों पर गठित कोडेक्स समिति नेजायफल, केसर और मिर्च (काली मिर्च तथा शिमला मिर्च) के लिये गुणवत्ता मानदंडों की सिफारिश की है।

मसाले और खाने में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों पर गठित कोडेक्स समिति नेजायफल, केसर और मिर्च (काली मिर्च तथा शिमला मिर्च) के लिये गुणवत्ता मानदंडों की सिफारिश की है। समिति (सीसीएससीएच) ने इन मानकों को ‘कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन’ (सीएसी) के पास अंतिम मंजूरी और उसको लागू करने के लिये भेजा है। कोडेक्स मानक वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय व्यापार विवादों के निपटान में किया जाता है। साथ ही यह कोडेक्स सदस्य देशों के राष्ट्रीय मानकों में एकरूपता के लिये आधार बनाता है।

समिति का काम मसाले और खाने-पीने की जड़ी बूटियों के लिये दुनिया भर में मानकों का विकास और विस्तार करना है। इसका गठन 2013 में भारत के साथ 100 से अधिक देशों के समर्थन के साथ किया गया था। कोडेक्स समिति ने पिछले पांच सत्रों में आठ मसालों और खाने में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों के लिये मानकों को तैयार किया और उसे अंतिम रूप दिया है। ये मसाले और जड़ी-बूटियां हैं जीरा, अजवायन, लहसुन, लौंग, अदरक और ओरगैनो हैं। ‘कोडेक्स एलेमेंट्रिस कमीशन’ संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है। इसका गठन खाद्य व्यापार में बेहतर मानक सुनिश्चित करने और लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये संयुक्त राष्ट्र के खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम के ढांचे के तहत किया गया है।

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