पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर विचार कर रही है पंजाब सरकार: CM भगवंत मान
पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर विचार कर रही है पंजाब सरकार: CM भगवंत मान

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने पर उनकी सरकार विचार कर रही है। राज्य के अधिकतर सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग कर रहे हैं, जिसे 2004 में बंद कर दिया गया था। मान ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी सरकार पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने पर विचार कर रही है। मैंने मुख्य सचिव से इसके क्रियान्वयन की व्यवहार्यता पर गौर करने को कहा है। हम कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मान की घोषणा की सराहना की।
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केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘वाह…एक बहुत अच्छा फैसला। पूरे भारत में सभी सरकारी कर्मचारीचाहते हैं कि पुरानी पेंशन योजना बहाल हो।’’ पिछले साल अगस्त में, आप के नेता एवं मौजूदा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वादा किया था कि अगर उनकी पार्टी पंजाब में सत्ता में आई तो पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर दिया जाएगा। पंजाब सिविल सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुखचैन सिंह खैरा ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि राज्य के कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कराने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में, मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव से योजना के क्रियान्वयन की व्यवहार्यता और तौर-तरीकों का पता लगाने के लिए कहा है, जिससे राज्य के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है। कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मान ने कहा कि इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी सरकार की रीढ़ हैं और उनका कल्याण सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। मान ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले कुछ महीनों में ‘‘कर्मचारी समर्थक कई पहल’’ की है। मान ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की नीति पेश की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने एक बड़ा भर्ती अभियान भी शुरू किया है, ताकि युवाओं को नौकरी मिल सके, वहीं कर्मचारियों की कमी को दूर करके विभिन्न सरकारी विभागों के प्रदर्शन को बेहतर किया जा सके।