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मप्र की अदालत ने एटीएस टीम पर हमले के मामले में सिमी सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनाई

मप्र की अदालत ने एटीएस टीम पर हमले के मामले में सिमी सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनाई


मध्य प्रदेश की एक अदालत ने राज्य पुलिस के आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) पर हमला करने और हथियार रखने के मामले में प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के दो सदस्यों को शुक्रवार को आजीवन कारावास और दो सदस्यों को दस साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के विशेष अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रघुवीर पटेल ने आरोपी उमर दंडोती और मोहम्मद सादिक को खंडवा जेल से भागने के बाद एटीएस टीम पर हमला करने का दोषी पाया।

अदालत ने दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अदालत ने इस मामले में सिमी के सदस्य इरफान नागोरी और अबू फैजल को भी दोषी ठहराया और उन्हें 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के मुताबिक अदालत ने 36 गवाहों से पूछताछ के बाद चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। न्यायाधीश ने चार दोषियों में से प्रत्येक पर 95,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। दोषियों को शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है।

अभियोजन पक्ष ने कहा कि चारों दोषी एक अक्टूबर 2013 को खंडवा की एक जेल से फरार हो गए थे। मध्य प्रदेश एटीएस को सूचना मिली थी कि सिमी के सदस्य 23-24 दिसंबर, 2013 की दरमियानी रात को जेल से भागकर महाराष्ट्र जा रहे हैं। अभियोजन पक्ष ने कहा कि पुलिस ने गोलीबारी करने वाले आरोपियों को रोका। फैजल और नागोरी को गिरफ्तार किया गया और उनके पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। बाद में एटीएस ने दंडोती और सादिक को भी गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया।

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