मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज की बड़ी उपलब्धि—अस्पताल के कार्डियोलॉजी और एनेस्थीसिया विभाग द्वारा बनाया गया इतिहास
मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज की बड़ी उपलब्धि---अस्पताल के कार्डियोलॉजी और एनेस्थीसिया विभाग द्वारा बनाया गया इतिहास

मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हृदय रोग एवं एनेस्थीसिया विभाग द्वारा 2 माह के बच्चे का पीडीए क्लोजर किया गया।
यह उस बच्चे के दिल में खराबी थी जो 2 महीने का था और उसके दिल में छेद था। डॉक्टरों की एक टीम ने कहा कि यह एक ऐसी स्थिति है जहां दिल की प्रमुख धमनियां एक छेद से जुड़ी होती हैं जो बच्चे के लिए दिल की विफलता का कारण बन रही थी। यह एक बहुत ही उच्च जोखिम वाला ऑपरेशन था जिसे डॉक्टरों की एक टीम ने कुशलता से किया था। एनेस्थीसिया विभाग का नेतृत्व डॉ मोहम्मद असद ने किया, एनेस्थीसिया डॉ सलमा शाजिया और टीम द्वारा दिया गया। इस प्रक्रिया को करने के लिए कार्डियोलॉजी विभाग का नेतृत्व डॉ सज्जाद मंजूर ने किया और वरिष्ठ सलाहकार डॉ स्वाति शर्मा ने सहयोग से काम किया। एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ मोहम्मद असद ने कहा, “मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में इस तरह की यह पहली प्रक्रिया है और चूंकि यह एक खुला ऑपरेशन नहीं था इसलिए कोई सर्जिकल निशान नहीं होगा”, क्योंकि यह प्रक्रिया सज्जाद मंजूर और डॉ स्वाति शर्मा द्वारा परक्यूटेनियस यानी शिराओं से धमनियों तक किया गया।
मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रबंधक श्री गौरव स्वरूप, श्री संजय गुप्ता और श्री राघव स्वरूप ने पूरे कार्डियोलॉजी और एनेस्थीसिया टीम को एक ऐसा केस करने के लिए बधाई दी जो आसपास के क्षेत्र में नहीं किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ये दोनों विभाग मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के लिए और मरीजों के लिए बहुत लाभकारी हैं क्योंकि इसके होने से हृदय रोगियों को अब हृदय रोगों के इलाज के लिए मेरठ या दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है।