उद्योग जगत

विदेशी कंपनियों के अचानक जाने से होने वाले नुकसान को लेकर फाडा ने दिया बड़ा बयान

विदेशी कंपनियों के अचानक जाने से होने वाले नुकसान को लेकर फाडा ने दिया बड़ा बयान


वाहन डीलरों के संगठन ने विदेशी वाहन विनिर्माताओं के अचानक देश छोड़कर चले जाने की स्थिति में होने वाले नुकसान से संरक्षण देने की मांग करने के साथ मॉडल डीलरशिप समझौता भी जारी किया है। वाहन डीलर संगठनों के महासंघ (फाडा) ने एक बयान में कहा कि कई विदेशी वाहन कंपनियों के भारत में वाहन डीलरों के साथ कई अनुबंध काफी सख्त होते हैं। इनकी वजह से डीलरों को नुकसान उठाना पड़ता है।

फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने पीटीआई-के साथ बातचीत में कहा, ‘‘मूल उपकरण विनिर्माताओं और डीलरों के बीच होने वाले डीलरशिप समझौते एकतरफा होते हैं। इनमें सिर्फ कंपनियों का ही नजरिया शामिल होता है और डीलरों ने हमेशा यह महसूस किया है कि एक संतुलित मॉडल डीलर समझौते की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि फाडा ने मंगलवार को मॉडल डीलर समझौता जारी कर वाहन विनिर्माताओं और डीलरों के बीच एकसमान हालात पैदा करने की कोशिश की है। सिंघानिया ने कहा, ‘‘अगर वाहन उद्योग या कारोबार में कोई भी परेशानी आती है तो दोनों ही पक्षों को समुचित मुआवजा या समाधान मिलना चाहिए। यह एकतरफा नहीं होना चाहिए।’’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह मॉडल समझौता विदेशी वाहन कंपनियों के अचानक भारत छोड़कर चले जाने की स्थिति में डीलरों को होने वाले नुकसान की भरपाई का भी एक तरीका बताता है। उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में जनरल मोटर्स और फोर्ड जैसी कंपनियां देश छोड़कर जा चुकी हैं। उस समय डीलरों को तगड़ा नुकसान उठाना पड़ा था।’’ उन्होंने कहा कि विदेशी कंपनियों को कारोबार समेटने का फैसला योजना बनाकर लागू करना चाहिए ताकि डीलरों को भी अपने संसाधनों की निकासी का समय मिल सके।

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