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पंजाब कैबिनेट ने संविदा शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने की नीति को मंजूरी दी

पंजाब कैबिनेट ने संविदा शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने की नीति को मंजूरी दी


चंडीगढ़/श्री आनंदपुर साहिब, 6 सितंबर। पंजाब मंत्रिमंडल ने 10 साल की सेवा पूरी कर चुके संविदा, तदर्थ, दैनिक वेतन भोगी और अस्थायी शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने के लिए बनाई गई नीति को सोमवार को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने लगभग 9,000 शिक्षकों को एक विशेष संवर्ग में रखकर उनकी सेवाओं को नियमित करने का निर्णय लिया। नीति के अनुसार, लाभार्थी कर्मचारी 58 वर्ष की आयु तक सेवा में बने रहेंगे और उन्हें नए नव नियुक्त कर्मी माना जाएगा। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के तरीकों और साधनों का पता लगाने के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को सौंपी, जिसने रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को राज्य भर में सरकारी स्कूलों की छात्राओं के लिए शटल बस सेवा शुरू करने की घोषणा की ताकि छात्राओं की पढ़ाई छोड़ने की दर पर लगाम लगाई जा सके। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मान ने श्री आनंदपुर साहिब में शिक्षक दिवस के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन, आहार, बुनियादी ढांचे और अन्य बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखते हुए प्रत्येक बच्चे को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना सरकार का मूल कर्तव्य है। मान ने कहा, “परिवहन सुविधाओं के अभाव में, लड़कियों के बीच पढ़ाई छोड़ने की दर बहुत अधिक है, इसलिए हमने इस मामले से निपटने के लिए राज्य की प्रत्येक बालिका को यह सुविधा देने का फैसला किया है।

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