उद्योग जगत

आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में अंग्रेजों को पीछे छोड़ने का मजा ही कुछ और है

आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में अंग्रेजों को पीछे छोड़ने का मजा ही कुछ और है


आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे देश के लिए वाकई यह एक बड़ी खुशखबरी है कि भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। खास बात यह है कि पांचवें स्थान पर आने के लिए हमने उन अंग्रेजों को पछाड़ा है जिन्होंने हमारे देश पर वर्षों तक राज किया। अभी दो दिन पहले ही खबर आई थी कि भारत दुनिया में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है और अब खबर आई है कि ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हम आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक वर्ष 2021 के आखिरी तीन महीनों में भारत ब्रिटेन से आगे निकल गया। आईएमएफ ने कहा है कि हालिया जीडीपी आंकड़ों पर गौर करने से पता चलता है कि भारत अपनी बढ़त वित्त वर्ष 2022-23 में भी बनाए हुए है। उल्लेखनीय है कि तुलनात्मक अवधि में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर रही जबकि इसी अवधि में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर रही। अगर हम एक दशक पहले के आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की सूची में भारत 11वें स्थान पर था जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था।

2014 से पहले भारत भ्रष्टाचार, सरकारी नीतियों में शिथिलता आदि समस्याओं से जूझ रहा था लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनने के बाद से जो आर्थिक, राजनीतिक और नीतिगत सुधार शुरू हुआ उसका असर अब दिखने लगा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में जिस तरह भारत को आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ाते हुए और बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाते हुए निवेश आकर्षित करने के लिए जीतोड़ मेहनत की गयी उसका असर दिखने लगा है। यही नहीं मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया आदि तमाम तरह की योजनाएं शुरू कर उन्हें सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया गया। मोदी सरकार के कार्यकाल में स्वरोजगार को प्रोत्साहन दिये जाने का ही परिणाम है कि आज देश में नौकरी देने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। देखा जाये तो कोरोना काल की चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ना सिर्फ पटरी पर आ गयी है बल्कि वह बुलेट ट्रेन की तरह आगे बढ़ रही है। तमाम तरह के आर्थिक सूचकांक इस बात की गवाही दे रहे हैं कि घरेलू निजी मांग में वृद्धि हो रही है, रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है और लोगों की आय बढ़ रही है।

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कोरोना काल में जहां वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं बुरी तरह तबाह हुईं वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने मजबूत नींव वाली भारतीय अर्थव्यवस्था को योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जिससे आज हम तेजी से तरक्की कर रहे हैं। हम दुनिया में पांचवें नंबर पर पहुंच गये हैं तो वह लक्ष्य भी दूर नहीं दिख रहा जो प्रधानमंत्री ने देश के लिए तय कर रखा है। यह लक्ष्य है पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का। जो लोग भारत की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हैं उन्हें यह भी देखना चाहिए कि एक ओर जहां हमारे पड़ोसी देश दिवालिया हो रहे हैं, कर्ज में डूबते जा रहे हैं और दुनिया के बड़े देश महंगाई बढ़ने और निवेश कम होने की समस्या से जूझ रहे हैं वहीं भारत सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है और बढ़ता ही चला जा रहा है।

एक ओर जहां यूक्रेन-रूस संघर्ष और वैश्विक आर्थिक सुस्ती के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं अब भी संघर्ष कर रही हैं वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। भारत में विदेशी निवेश तेजी से बढ़ रहा है उसके बावजूद सरकार संतुष्ट होकर बैठने की बजाय और निवेश आकर्षित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अगले सप्ताह छह दिन की अमेरिका यात्रा पर जाने वाले हैं जहां वह अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेंगे। इन बैठकों में दोनों देशों के व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के उपायों पर चर्चा होगी। गोयल इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ाने तथा व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए अमेरिका के प्रमुख कारोबारियों, अधिकारियों और उद्योग जगत के शीर्ष व्यक्तियों के साथ भी मुलाकात करेंगे। यह यात्रा भारत को निवेश का सबसे पसंदीदा गंतव्य के रूप में पेश करने पर केंद्रित होगी।
बहरहाल, जहां तक ब्रिटेन के भारत से पिछड़ने की बात है तो आपको बता दें कि रोजमर्रा की चीजें महंगी होने से ब्रिटेन ने पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का तमगा खो दिया है। ब्रिटेन चार दशकों में सबसे ज्यादा महंगाई होने का सामना कर रहा है और मंदी की ओर बढ़ रहा है। वहां के बैंक भी तबाह हो रहे हैं। हाल ही में एक सर्वेक्षण भी सामने आया है जिसमें ब्रिटेन के वर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को अब तक का सबसे खराब प्रधानमंत्री बताया गया है वहीं दूसरी ओर मॉर्निंग कंसल्ट के सर्वे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रूवल रेटिंग 75 प्रतिशत बताई गयी है जोकि दुनिया में एक रिकॉर्ड है।

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