परिचालकों की कमी के कारण खड़ी हो गईं रोडवेज की 40 बसें
परिचालकों की कमी के कारण खड़ी हो गईं रोडवेज की 40 बसें

झांसी डिपो में परिचालकों की कमी से रोडवेज बसों के संचालन पर संकट खड़ा हो गया। जिसके कारण डिपो में तकरीबन 40 रोडवेज की बसें खड़ी हो गईं हैं। जिसके कारण बसों को रूट पर भेजने में दिक्कत आ रही है। साथ ही इन बसों के न चलने से कई रूटों पर बसों का टोटा हो गया है। यात्री परेशान हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। रोडवेज प्रशासन का कहना है कि परिचालकों की भर्ती के लिए जल्द ही प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
झांसी डिपो में कुल 140 रोडवेज की बसें हैं। जिनका संचालन झांसी से उरई, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, बनारस, प्रयागराज, आगरा, दिल्ली, मुरादाबाद, ललितपुर, मोंठ, समथर, चिरगांव, मऊरानीपुर, छतरपुर आदि रूटों पर किया जाता है। वहीं, डिपो में कुल 447 चालक और परिचालक हैं। जिनमें 53 चालक और 37 परिचालक नियमित हैं। अन्य 196 चालक और 161 परिचालक संविदा पर कार्यरत हैं। जबकि अभी 50 परिचालकों की और आवश्यकता है। किसी परिचालक के बीमार होने या छुट्टी पर जाने के दौरान परिचालकों का अभाव रहता है। परिचालकों की कमी के कारण डिपो से प्रतिदिन 80 से 90 बसों का ही संचालन किया जा रहा है। जबकि कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाली रोडवेज की बसें डिपो पर ही खड़ी रहती हैं, जिसके कारण इन रूटों पर चलने वाले यात्रियों को मजबूरन डग्गामार वाहनों से अधिक रुपये देकर सफर करना पड़ रहा है।
परिचालकों की कमी के कारण डिपो में 40 रोडवेज की बसें खड़ी हो गई हैं, जिससे कम बसों का ही संचालन कई रूटों पर किया जा रहा है। परिचालकों की कमी से बसों के संचालन में दिक्कत आ रही है