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निकायों की आय बढ़ाने का नया फॉर्मूला, बढ़ेगा गृह कर का दायरा, शहरी सेवाओं में सुधार से भी बढ़ाएंगे आमदनी

निकायों की आय बढ़ाने का नया फॉर्मूला, बढ़ेगा गृह कर का दायरा, शहरी सेवाओं में सुधार से भी बढ़ाएंगे आमदनी

टैक्स न देने वाले भवनों को गृह कर के दायरे में लाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे भवनों को चिह्नित करने के लिए जल्द सर्वे शुरू कराया जाएगा। सर्वे में उन क्षेत्रों के भवनों को भी शामिल किया जाएगा, जो हाल में ही नये नगर निकाय क्षेत्रों में आए हैं।

नगर निकायों की आय बढ़ाने के लिए नये फॉर्मूले पर काम किया जा रहा है। इसके लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। फॉर्मूले के मुताबिक शहरी सेवाओं में सुधार के साथ पेयजल और सीवर कनेक्शन की संख्या बढ़ाकर भी आय बढ़ाने की कोशिश होगी।

वहीं, उन भवनों पर भी कर लगाने की तैयारी है जिनपर अब तक गृहकर कर निर्धारण नहीं हो सका है। ऐसे भवनों को चिह्नित करने के लिए जल्द सर्वे शुरू कराया जाएगा। सर्वे में उन क्षेत्रों के भवनों को भी शामिल किया जाएगा, जो हाल में ही नये नगर निकाय क्षेत्रों में आए हैं।

इसी तरह ऐसे व्यावसायिक भवनों को भी गृहकर, जलकर व सीवर कर के दायरे में लाने और शहरी सेवाओं में सुधार कर आय बढ़ाने के कई विकल्प तैयार किए गए हैं। हालांकि इन विकल्पों पर मुख्यमंत्री की सहमति के बाद ही काम शुरू होगा। वहीं, अमृत योजना के तहत सीवर व पेयजल कनेक्शन लेने वाले भवनों पर भी गृह, जल व सीवर कर लगाने की तैयारी है।

राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एसएलटीसी) की पिछले दिनों बैठक हुई थी। इसमें नगर निकायों की आय बढ़ाने के लिए तैयार कई विकल्पों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। इनमें शहरी क्षेत्रों में बने भवनों का ‘यूनिक आईडेंटिफिकेशन’ कराना भी शामिल है। ‘यूनिक आईडेंटिफिकेशन’ से टैक्स से वंचित भवनों को चिह्नित किया जाएगा।

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